विधानसभा चुनाव का शंखनाद होते ही चुनाव की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। गली-गली में चाय, पान की दुकान से लेकर अड़ी तक बस प्रत्याशी, विधानसभा क्षेत्र और पार्टी पर लोग बातें कर रहे हैं। वैसे तो इन अडि़यों पर चर्चा में सभी लोगों की गवर्नमेंट बन रही है। बुधवार को आई नेक्स्ट टीम पहुंची दक्षिणी विधानसभा के पीलीकोठी में चाय की दुकान पर लगी अड़ी पर। जहां वफाती टी स्टाल पर दक्षिणी विधानसभा के विभिन्न एरिया में रहने वाले अपने-अपने अंदाज में होने वाले इलेक्शन पर चर्चा करने में जुटे थे।

VARANASI

बिजी शेड्यूल के बीच डेली की तरह पीली कोठी के वफाती चाय वाले की दुकान पर शाम पांच बजे एक-एक कर लोग पहुंच चुके थे। देखते ही देखते चाय का इंतजार कर रही भीड़ के बीच चुनाव पर गर्मा गरम चर्चा शुरू हो गयी। थोड़ी देर में चाय का कुल्हड़ हाथ में आते ही चर्चा में शामिल लोगों का वॉल्यूम बढ़ गया। दक्षिणी विधानसभा के मुद्दे, यहां मैदान में उतरने वाले संभावित प्रत्याशियों व राष्ट्रीय से लेकर प्रदेश लेबल की पार्टियों पर आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने चाय पर चर्चा कर रहे लोगों के बीच बस इतना कहा कि इस बार यहां विकास मुद्दा होगा या कोई और। इतना सुनते ही चर्चा में गर्मी आ गयी। चाय की दुकान पर खड़े लोगों का अचानक सब्जेक्ट चेंज हो गया। इसके बाद तो जो जवाब आया वह कुछ ऐसा रहा।

गरम चाय का कुल्हड़ हाथ में पकड़े हाजी इश्तियाक ने कहा कि वर्तमान विधायक श्यामदेव राय चौधरी पिछले कई सालों से विकास को मुद्दा बनाए हुए हैं। लेकिन वास्तविक विकास से अभी भी पब्लिक कोसों दूर है। यदि पब्लिक की अपेक्षाओं पर खरे उतरे होंगे तो पब्लिक उन्हें भला रिप्लेस क्यों करेगी। लेकिन यह तो रिजल्ट के बाद ही पता चल पाएगा।

बात पूरी होने से पहले ही सुरेश सेठ ने कहा कि वर्तमान विधायक का रिपोर्ट कार्ड तो पब्लिक ने लगभग तैयार कर लिया है। अब बस लोगों को वोट देने के दिन का इंतजार है। बिना काम किए भईया दादा ही नहीं कोई भी इस बार चुनाव नहीं जीत सकता। कम से कम उसका रिपोर्ट कार्ड अच्छा ही होना चाहिए। वरना उसे मुंह की खानी ही पड़ेगी।

-इतना सुनते ही गरम चाय के कुल्हल की चिंता किए बगैर मुस्तकीम अंसारी ने कहा कि एक बार जिनको आजमा लिया गया है उन्हें फिर से मौका तभी मिलना चाहिए जब वे पब्लिक की अपेक्षाओं पर खरा उतरे हों। वरना कोई जरूरत नहीं है। सिर्फ चेहरा देखकर वोट देना गलत होगा। आमजन का वोट पाने के लिए विश्वास और काम दोनों बहुत जरूरी है।

-शांति से लोगों को चर्चा करते देख रहे अनीस अहमद भी अपनी बात रखने के लिए कूद पड़े। कहा दक्षिणी विधानसभा का चुनाव इस बार बहुत रोचक होगा। यहां के लोगों को इस बार अपने मोह जाल में फंसाकर वोट पाने वाले कामयाब नहीं होंगे। उन्हें पब्लिक के सामने अपना एजेंडा रखना ही होगा। साथ ही उन्हें अपना रिपोर्ट कार्ड से भी अवगत कराना होगा। वादाखिलाफी नहीं चलेगी।

-धीरे-धीरे चाय की चुस्की ले रहे संतोष सिंह ने कहा कि देखिये दक्षिणी विधानसभा की पब्लिक जाति धर्म के नाम पर हर बार बंट जाती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। विकास करने वाले ही इस बार कामयाब होंगे। कुल मिलाकर दक्षिणी विधानसभा का विकास ही सबसे बड़ा मुद्दा है। पब्लिक वोट मांगने वालों की बजाए विकास का विश्वास दिलाने वाले को ही वोट करेगी।

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टी प्वाइंट

शाम की दुकानदारी के बीच बड़ी देर से चाय पर चर्चा कर रहे लोगों को सुन रहे वफाती से भी नहीं रहा गया। सबको रोकते हुए बोले कि भईया हमलोगन के बारे में चिंता के करत हौ। चुनाव जीतले के बाद सब त झोली भरे में मशगूल हो जाला। अच्छा त होय कि जवन विधायक हमलोगन चुन के भेजीं उ पब्लिक के बारे में सोचे अउर अपने एरिया क संपूर्ण विकास करे। कम से कम दक्षिणी विधानसभा में त इह होय के चाहत हौ। अब देखा एदा पारी का होला।

देखिये चुनाव आते ही हमलोग चर्चा करने में जुट जाते हैं, लेकिन जब वोट देने की बारी होती है तो कई खांचे में अलग-अलग बंट जाते हैं। हम जब तक अपने विधानसभा के मुद्दे पर एक नहीं होंगे तब तक भला नहीं होगा। हमारे साथ यही होता रहेगा। समय रहते इसको गांठ बांध लें यही अच्छा होगा।

शहनवाज अहमद, पीलीकोठी

कम से कम किसी को वोट देने से पहले यह विचार तो कर ही लेना है कि वह विकास कर पाएगा या नहीं। और यदि उसके बारे में जानते हैं तो कोई हर्ज ही नहीं है। बेहतर होगा कि मुद्दे के साथ ही कैंडीडेट्स का भी आकलन करें। तभी वोट दें। बिना कैंडीडेट के आकलन के वोट देना भारी पड़ सकता है।

शशांक साहू, विश्वेश्वरगंज

दक्षिणी विधानसभा को शहर का हृदय कहें तो गलत नहीं होगा। ऐसे में यहां का विकास अन्य विधानसभा से ज्यादा जरुरी है। इस विधानसभा के कई ऐसे इलाके हैं जो अभी भी विकास से कोसों दूर हैं। सकरी गलियों के इस विधानसभा का विकास होना बहुत जरूरी है। यदि इन एरिया में रहने वाले लोगों को कोई विकास का सब्जबाग दिखाए तो बहुत अन्याय होगा।

गुफरान अंसारी, गोलगड्डा

इस विधानसभा में चुनाव लड़ने के लिए अभी तक केवल दो पार्टियों ने ही कैंडीडेट की लिस्ट जारी की है। जब तक सभी पार्टी के कैंडीडेट मैदान में नहीं आ जाते तब तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। अभी तो सपा और बसपा ने ही अपने पत्ते खोले हैं। जबकि दोनों राष्ट्रीय पार्टियां चुप हैं। इनके कैंडीडेट आने के बाद ही पब्लिक डिसीजन लेगी। हालांकि सपा के टिकट में भी फेरबदल हो सकता है।

खलीलुर्रहमान, हरतीरथ

यह विधानसभा सिटी की अन्य विधानसभाओं से अलग है। यहां स्थानीय मुद्दे ही हावी रहेंगे। वर्तमान विधानसभा चुनाव में इनकी ही हर तरफ चर्चा होगी। कैंडीडेट के वोट मांगने पहुंचते ही लोग स्टेट लेवल के पहले अपने मुद्दे उछाल देंगे। अब जिनको इस विधानसभा के बारे में जानकारी होगी वो पब्लिक को फेस करेंगे वरना उनका सामना करना मुश्किल है।

वफाती, पीलीकोठी