-शहर में खोदाई करा रही कार्यदायी संस्थाओं व कम्पनियों पर कसी गई नकेल

-अब बिना डीएम के परमिशन के नहीं होगी खोदाई

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VARANASI

शहर में सीवर, अंडरग्राउंड कवर्ड वायर, पीएनजी और ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) डालने के लिए जगह-जगह खोदाई कराने वाली कार्यदायी संस्थाएं और मोबाइल कम्पनियां अब ऐसा नहीं कर सकेंगी। इनकी इस मनमानी पर नकेल कसी गई है। अब बिना डीएम के परमिशन के खोदाई नहीं की जा सकेगी। बिना ऑर्डर के खोदाई कराने पर संबंधित संस्था पर एफआईआर दर्ज होगी। इससे जहां पब्लिक की दिक्कतें कम होंगी। वहीं नियम-कानून को धता बताकर कार्यदायी संस्थाएं काम नहीं कर पाएंगी। अफसरों के मुताबिक खोदाई से ट्रैफिक, पेयजल, सीवर आदि की बढ़ रही प्रॉब्लम को देखते हुए एडमिनिस्ट्रेशन ने यह कदम उठाया है।

पब्लिक झेलती है दिक्कत

दरअसल, शहर में सीवर पाइप लाइन, पाइप्ड नेचुरल गैस लाइन, आईपीडीएस वर्क और ओएफसी डालने का काम चल रहा है। इस दौरान हुई खोदाई से सड़कों और गलियों पर पब्लिक का चलना मुश्किल हो रहा है। रोड कटिंग का खासा असर ट्रैफिक व्यवस्था पर पड़ रहा है। पेयजल की पाइपलाइन और सीवरलाइन टूटने से पब्लिक को अक्सर पानी के लिए दिक्कत झेलनी पड़ रही है। कार्यदायी संस्थाओं पर न तो पीडब्ल्यूडी, नगर निगम एक्शन लेता है और ना ही एडमिनिस्ट्रेशन।

कार्यदायी संस्थाओं व मोबाइल कम्पनियों के मनमाने रवैये को देखते हुए कमिश्नर दीपक अग्रवाल के आदेश पर अब खोदाई के लिए डीएम की परमिशन लेना जरूरी होगा।

एक नजर

- 200 से ज्यादा जगहों पर खोदाई से तीन माह से पेयजल-सीवर की हो रही है समस्या

- 30 से ज्यादा शहर के एरिया समस्या से हैं प्रभावित

- 1 से 4 दिन लग जाते हैं वाटर-सीवर की प्रॉब्लम दूर करने में

- 5 से 8 मीटर तक गहरी खोदाई होती है सीवर डालने के लिए

बिना डीएम की अनुमति लिए खोदाई नहीं कराई जा सकेगी। इसके लिए कार्यदायी संस्थाओं के इंजीनियर्स को निर्देश दिए गए हैं। ऐसा न करने वाली संस्था पर केस दर्ज होगा।

दीपक अग्रवाल, कमिश्नर, वाराणसी