-खराब जीवनशैली और खान-पान से बढ़ रहे डायबिटीज के पेशेंट

- नियमित व्यायाम और तनावमुक्त जीवन इस बीमारी को कर सकती है दूर

मधुमेह का नाम सुनते ही लोग परेशान हो जाते हैं। कुछ दशक पहले जो बीमारी किसी-किसी को होती थी, आजकल कोई ऐसा परिवार नहीं है जिसमें कोई ना कोई मधुमेह का रोगी ना हो। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार पूरे विश्व में सन 1980 में मधुमेह रोगियों की संख्या 108 मिलियन थी जो 2014 में बढ़कर 422 मिलियन हो गयी। इसमे से 2017 की रिपोर्ट में 72 मिलियन मधुमेह के रोगी केवल भारत में थे जो की 2030 में इनकी संख्या बढ़कर 98 मिलियन से अधिक हो जाएगी। बनारस में भी डायबिटीज के शिकार कम नहीं हैं। आये दिन इस बीमारी की गिरफ्त में लोग आ रहे हैं। खराब जीवनशैली, टेंशन के चलते होने वाले इस रोग से बचा जा सकता है। बस जरुरत है थोड़े से बदलाव की। डायबिटीज किस वजह से होता है, इससे कैसे बचा जा सकता है को जानने के लिए पढि़ये ये खास खबर।

तनाव है मधुमेह का बड़ा कारण

राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के डॉ। अजय कुमार बताते हैं कि यह रोग तेजी से बढ़ रहा है। ऐसा इसलिए कि लोग आलसी प्रवृत्ति के होते जा रहे हैं। हमारी दिनचर्या अस्त व्यस्त है। जीवन में तनाव बढ़ रहा है। ऐसे में इससे बचने के लिए सबसे पहले लोगों को अपने शरीर में उपजे तनाव को दूर करना होगा। तभी इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

आयुर्वेद है बेहतर विकल्प

विजयसार-इस औषधि के त्वचा का रस तिक्त और कषाय है एवं कटु विपाक और शीत वीर्य है जो प्रमेह के उपचार में अति लाभदायक है।

जामुन बीज चूर्ण - जामुन के सूखे हुए बीजों का चूर्ण दिन में 2-3 बार पानी के साथ लेने से लाभ मिलता है।

-गुडमार पत्र चूर्ण- एक चम्मच गुडमार के सूखे पत्तों का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से रोग के उपचार मी लाभ मिलता है।

-न्यगरोध त्वक चूर्ण-बरगद के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से भी इस रोग मेी सुधार आता है।

मेथी दाना - एक चम्मच मेथी के दाने गिलास पानी में रात भर भिगोकर रखकर सुबह में उनका पानी पीना चाहिए।

करेले का रस - 20 मिली करेले का जूस हर रोज़ सुबह लेने से रोगी को लाभ मिलता है।

आमला - 20 मिली ताज़ा अमला का जूस या से चूर्ण प्रतिदिन लेने से रोग में निश्चित लाभ मिलता है।

हरिद्रा (हल्दी)- हल्दी का सेवन अमला के रस के साथ अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। हल्दी को दूध के साथ भी सेवन कर सकते हैं।

व्यायाम से लाभ

जब रोगी शारीरिक व्यायाम करता है तो अपनी मांसपेशियों को वह ग्लूकोज मिल जाता है जिसकी जरुरत होती है। इसके बदले में ब्लड शुगर का स्तर नीचे चला जाता है। व्यायाम से डायबिटीज को नियंत्रण में रखना लम्बा और स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। शारीरिक व्यायाम इंसुलिन संवेदनशीलता और ग्लूकोज मेटाबोलिज्म में वृद्धि करता है। मधुमेह एक तनावपूर्ण बीमारी है, कसरत करने से आपको मानसिक रूप से अच्छा महसूस करने में मदद मिलती है। व्यायाम आपके मनोदशा में सुधार कर सकता है। व्यायाम वजन कम करने और कम वजन बनाए रखने में भी सहायता करता है।

पसीना बहाना है जरुरी

-जॉगिंग,

-सुबह तेज कदमों से चलना,

-तैरना,

-किसी भी खेल को 45 मिनटों तक खेलना,

-साइकिल चलाना,

-लंबी पैदल यात्रा आदि

वैज्ञानिक शोधों के वावजूद रोगियों की संख्या में कमी आने की बजाय दिनों दिन वृद्धि होती जा रही है। ऐसा इसलिए कि लोग आलसी प्रवृत्ति के होते जा रहे है। हमारी दिनचर्या अस्त व्यस्त होती जा रही है।

डॉ। अजय कुमार, चिकित्सक, राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय