-होली के दूसरे दिन सड़कों पर दिखा सन्नाटा, ट्रैफिक जाम से मिली निजात
-गाडि़यों के हॉर्न ने भी नहीं किया परेशान, सड़कें दिखीं चौड़ी और साफ
VARANASI: न तो जाम का टेंशन और न ही गाडि़यों के हॉर्न का शोर। सड़कें एकदम खाली। सामान्य दिनों में जहां पहुंचने में लोगों को आधे घंटे से अधिक का समय लग जाता था वहां पहुंचने में लगा अधिक से अधिक क्भ् मिनट। सिर्फ इतना ही नहीं सड़कों पर ठेले खोमचे के चलते होने वाली परेशानी का भी कहीं अता पता नहीं। जी हां, इस तरह का नजारा होली के दूसरे दिन शनिवार को शहर में आम रहा। गाडि़यों की टें पें से ऊब चुके शहरियों ने इस बदले माहौल से राहत महसूस की।
ऐसा ही रहे तो बने बात
एक दिन पहले शुक्रवार को लोगों ने होली खेली। दूसरे दिन होली की खुमारी मिटाने के लिए घरों की चहारदीवारी तक ही सीमित रहे। मिलने जुलने के लिए निकले भी पर मार्केट बंद होने के चलते सड़कों पर जाम की स्थिति पैदा नहीं हुई। बाहर से आने वालों की संख्या लगभग नहीं के बराबर थी। वहीं बनारस की जनसंख्या बढ़ाने वाले हजारों छोटे कामगार होली मनाने अपने गांव की तरफ चले गये थे। जिसका असर रहा कि शहर की सड़कें जाम से आजाद रहीं और एटमॉस्फियर ध्वनि प्रदूषण से मुक्त।
सवारी गाडि़यां भी रही कम
सड़कों के सन्नाटे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सवारी गाडि़यां भी गायब रहीं। ऑटो तो ऑटो रिक्शा वाले भी सड़कों पर कम ही दिखे। हां, दुपहिया वाहन खाली पड़ी सड़कों पर फर्राटा भरते नजर आये। दोहपर में सवारी गाडि़यों की चहल पहल कुछ बढ़ी तो शाम होते होते फिर इनकी कमी हो गयी। ऑटो वाले भी होली की खुमारी मिटाने के लिए अपने अपने घरों को निकल लिए। सड़कों के सन्नाटे से एक तरफ जहां जाम और शोर से राहत मिली दूसरी तरफ यह कुछ परेशानियों का सबब भी बना। आइये देखते हैं क्या हुआ नफा तो क्या रहा नुकसान
नफा
-सड़कें रही जाम से मुक्त
-वाहनों के शोर ने भी नहीं किया परेशान
-गाड़ी ड्राइव करने में रही आसानी
-सड़कें दिखी ठेले खोमचे के अतिक्रमण से मुक्त
-शहर में साफ सफाई भी दिखी
नुकसान
-सवारी वाहनों की खली कमी
-आटो वालों ने वसूला मनमाना किराया
-पंचर रिपयरिंग शॉप भी थी बंद
-लंबी दूरी तक धकेलना पड़े वाहन
-जरूरी सामानों की दुकानों भी बंद