देहरादून, 8 सितम्बर (ब्यूरो)।
फन और फिटनेस मंत्रा के साथ अभी से ही साइकिल प्रेमियों में खासा उत्साह नजर आ रहा है। लोगों में इस खास मोस्ट अवेटेड एक्टिविटी के लिए क्रिएटिविटी और क्वेरीज भी आनी शुरू हो गई हैं। खास बात ये है कि अबकी बार तमाम साइकिल क्लब्स के साथ क्या आम और क्या खास, हर कोई बाइकथॉन में शामिल होने के लिए क्रेजी दिख रहा है। 24 सितंबर को होने वाला आयोजन गत वर्षों की तर्ज पर इस बार भी दून सिटी के बीचोंबीच रेसकोर्स स्थित पुलिस लाइन ग्राउंड में होगा। तो साफ है कि अगर आप भी बाइकथॉन-2023, सीजन-15 में शामिल होना चाह रहे हैं तो इसके लिए हो जाएं तैयार। बस, कुछ दिनों की बात है। आपको भी फन और फिटनेस के इस इवेंट में फुलऑन मौज, मस्ती को पूरा मौका मिलेगा।
::स्पेशल बॉक्स::
बाइकथॉन के प्रति खासा लगाव
96 वर्षीय वेद प्रकाश दुग्गल। साइकिल के प्रति ऐसा प्रेम कि दून सिटी में जितने भी बाइकथॉन के आयोजन हुए, उन्होंने पूरे जोश-जज्बे व ललक के साथ प्रतिभाग किया। उनका बाइकथॉन के प्रति इस कदर लगाव रहा है कि कुछ वर्ष पहले दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के बाइकथॉन में उन्हें तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने साइकिल तक भेंट की। अब वे उसी साइकिल की सवारी कारते हैं। इस बार भी उनकी पूरी तैयारी बाइकथॉन-2023, सीजन-15 में पार्टिसिपेट करने की है। लेकिन, वे अकेले नहीं। बल्कि, अपनी चार पीढिय़ों के साथ प्रतिभाग करेंगे। वे बाइकथॉन लेकर बेहद उत्साहित हैं।
शुरुआत से लेकर अब तक पार्टिसिपेशन
वेद प्रकाश दुग्गल बताते हैं कि जब से दून दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के बाइकथॉन की शुरुआत हुई, तब से लेकर वे लगातार पार्टिसिपेट कर रहे हैं। इस बार वे खुद अपने बेटे, बेटे के बेटे और पोते के 6 वर्षीय बेटे मृदुल के साथ बाइकथॉन में पार्टिसिपेट करेंगे। वे कहते हैं कि जब वे 6 साल के थे, तब से साइकिल की सवारी कर रहे हैं। बताया, उन्हें दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जेल सिंह तक ने साइकिल गिफ्ट की है। कहते हैं कि उन्होंने साइकिल से दिल्ली, चंढीगढ़ और हिमाचल शिमला तक का सफर पूरा किया है। इसके लिए दून से वे हरिद्वार, ऋषिकेश तक गंगा स्नान के लिए निकलते थे और वापस 12 बजे तक घर पहुंच जाते थे।
जब 5 रुपए में खरीदी थी साइकिल
वीपी दुग्गल कहते हैं कि साइकिलिंग बीमारी से निजात पाने, हेल्दी व फिटनेस का सबसे बड़ा ब्रह्मास्त्र है। उनके परिवार में साइकिल के प्रति बेहद प्रेम है। शुरुआत में उनकी साइकिल की ही दुकान हुआ करती थी। उस वक्त एक साइकिल पांच रुपए में खरीदी थी। उसके बाद साइकिल के दाम 10 रुपए पहुंचे और 1947 के दौरान एक साइकिल की कीमत 20 रुपए तक पहुंची। दुग्गल कहते हैं कि उन्होंने सुनील दत्त की फिल्म दो राह देखकर डबल साइकिल बनवाई और डोईवाला तक वे अपनी वाइफ के साथ इसी डबल साइकिल में सफर करते थे। उनका कहना है कि साइकिल का क्रेज दून में कम नहीं, बल्कि बढ़ा है। लेकिन, साइकिलिस्ट में ट्रैफिक के कारण मायूसी हुआ करती है।
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::बाइकथॉन पर एक नजर ::
वैन्यू
रेसकोर्स पुलिस लाइन

डेट--
24 सितंबर

टाइम
सुबह 6.30 बजे

नॉलेज पार्टनर
साईंग्रेस एकेडमी इंटरनेशनल

को-स्पांसर
-पंजाब नेशनल बैंक
-हिल फाउंडेशन ग्रुप ऑफ एजुकेशन
-डीपीसी डायग्नोस्टिक

रजिस्ट्रेशन काउंटर्स
-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट कार्यालय, पटेलनगर, देहरादून।
-न्यू नरूला साइकिल वक्र्स, घंटाघर।
dahradun@inext.co.in