- 10 में से 1 ही एनेस्थेटिस्टकाम पर, कुछ छुट्टी पर कुछ अन्य जगह तैनात

- उपनल कर्मियों का 2 घंटे का कार्य बहिष्कार मरीजों को पड़ रहा मंहगा

DEHRADUN: दून मेडिकल कॉलेज में इन दिनों मारीजों के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं, कारण हॉस्पिटल के दस में से आधे एनेस्थेटिस्ट्स इस दिनों छुट्टी पर हैं। जो हैं, उनमें से भी चार की ड्यूटी महिला विंग में है और मेन हॉस्पिटल में सिर्फ एक एनस्थेटिस्ट ही कार्यरत है।

एक ही डॉक्टर ड्यूटी पर

बाताते चलें कि राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में दस एनेस्थेटिस्ट तैनात हैं, जिसमें से चार की महिला विंग में रोटेशन पर ड्यूटी लगती है। ऐसे में मेन हॉस्पिटल में म् एनेस्थेटिस्ट्स बच जाते हैं। इनमें भी एक मैटरनिटी लीव पर है। जबकि दो छुट्टी पर हैं। इस बीच हॉस्पिटल प्रशासन ने दो और एनेस्थेटिस्ट को छुट्टी दे दी। ऐसे में काम का सारा बोझ अब एक एनेस्थेटिस्ट पर है।

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एचओडी जिन डॉक्टर्स और कर्मचारियों की संस्तुति करते हैं, उन्हें ही छुट्टी दी जाती है। छुट्टी पर गए एनेस्थेटिस्ट को बुलवाया गया है, जल्द ही स्थिति सामान्य होगी।

- डॉ। केके टम्टा, एमएस।

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उपनल कर्मियों की हड़ताल से मरीज हलकान

प्रदेश के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज में रोजाना दो घंटे उपनल कर्मचारियों की हड़ताल का असर आम आदमियों पर पड़ रहा है। स्थिति यह है कि हॉस्पिटल में सुबह से ही लंबी कतारें लगनी शुरू हो जाती हैं। मरीजों के तीमारदारों को बिल कटाने के लिए सुबह पूरे दो घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि सुबह के लिए हॉस्पिटल प्रशासन ने दो घंटे के लिए नियमित कर्मचारियों को काम पर लगाया है लेकिन यह व्यवस्था उतनी असरदार नजर नहीं आ रही है।

ख् घंटे का है बहिष्कार

दरअसल प्रदेशभर के सभी विभागों में तैनात उपनल कर्मचारियों द्वारा स्थाईकरण की मांग को लेकर आन्दोलन किया जा रहा है। ऐसे में दून मेडिकल हॉस्पिटल में कार्यरत दर्जनों उपनल कर्मचारियों ने भी आन्दोलन को समर्थन देने के लिए सुबह ख् घंटे कार्यबहिष्कार का फैसला लिया है। दून मेडिकल कॉलेज में उपनल कर्मचारियों के ख् घंटे के कार्यबहिष्कार के फलस्वरूप ओपीडी के पर्चे काटने के लिए कॉलेज प्रशासन द्वारा ख् घंटे के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। वैकल्पिक व्यवस्था पर तैनात कर्मचारियों द्वारा मैनुअल पर्चे काटे जा रहे हैं। ऐसे में एक ओपीडी के पर्चे को बनाने में भ् से क्0 मिनट तक का समय लग रहा है। इतना ही नहीं हॉस्पिटल में बिलिंग काउंटर पूरी तरह से सुबह ख् घंटे बंद रहता है। हॉस्पिटल के एमएस डॉ। केके टम्टा ने बताया कि सुबह होने वाली अव्यवस्था को देखते हुए वैकल्पिक तौर पर कर्मचारियों की तैनाती की गई है।