- कोविड मरीजों की स्थिति का पता लगाने के लिए पापुलेशन स्क्री¨नग जांच भी हुई शुरू

DEHRADUN: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में कोरोना ग्रसित मरीजों में एंटीबॉडी टेस्ट की सुविधा उपलब्ध हो गई है। इसके साथ ही संस्थान में कोविड मरीजों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए पापुलेशन स्क्री¨नग जांच भी शुरू कर दी गई है। एम्स उत्तराखंड में पहला सरकारी अस्पताल है, जहां रोगियों के लिए उक्त दोनों सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

बॉयोकेमिस्ट्री विभाग की एंटीबॉडी परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन करते हुए एम्स निदेशक प्रो। रवि कांत ने कहा इस प्रयोगशाला में पॉपुलेशन स्क्री¨नग और प्लाज्मा थैरेपी की प्रक्रिया के लिए मरीजों की विभिन्न जरूरी जांचें की जा सकेंगी। बॉयोकेमिस्ट्री विभागाध्यक्ष प्रो। विवेकानंदन ने बताया कि कोरोना मरीज के स्वस्थ होने के बाद उस व्यक्ति से किसी अन्य कोरोना संक्रमित मरीज की प्लाज्मा थैरेपी करने से पूर्व एंटीबॉडी टेस्ट की सुविधा इस प्रयोगशाला में शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला में एसिम्टमोटिक (जिस मरीज में कोरोना संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आते हैं) मरीजों की गहनता से जांच की सुविधा उपलब्ध है। इस अवसर पर डीन (एकेडमिक) प्रो। मनोज गुप्ता, ब्लड बैंक प्रभारी डॉ। गीता नेगी, मेडिसिन विभाग के डॉ। प्रसन कुमार पांडा, डॉ। सरमा साहा, डॉ। कर्णवीर कौशल, बृजेश चंद रमोला, ज्योति तिवारी आदि मौजूद थे।

दो मशीनों पर होगी नमूनों की जांच

प्रयोगशाला में स्थापित मशीनों की विशेषता के बारे में प्रो। विवेकानंदन ने बताया कि एक बड़ी मशीन में एक समय में 240 सैंपल लगाए जा सकेंगे, जिनका परिणाम एक घंटे में आ जाता है। जबकि एक अन्य मशीन में 180 सैंपलों की जांच एक साथ की जा सकेगी। इस मशीन से 30 मिनट में परीक्षण के नतीजे प्राप्त किए जा सकते हैं।