-अ‌र्द्धकुंभ मेला जनवरी 2016 में होगा आयोजित

-अ‌र्द्धकंभ को लेकर तैयारियों में नहीं दिख रहा असर

-कुछ काम ऐसे हैं जिनके लिए चाहिए 15 माह का वक्त

HARIDWAR (JNN) : अ‌र्द्धकुंभ मेले के काम अभी शुरू नहीं हुए हैं। कुछ काम ऐसे हैं जिनके निर्माण में पंद्रह माह तक का समय लगेगा। ऐसे में ये काम मेला शुरू होने के बाद शुरू होंगे। गंगा स्वच्छता से जुड़े काम भी इसमें शामिल हैं।

डेढ़ सौ करोड़ हैं स्वीकृत

सरकार की ओर से मेले के कामों के लिए डेढ़ सौ करोड़ की स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है। लेकिन, मेले के प्राथमिक कार्य भी अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं। अ‌र्द्धकुंभ मेला जनवरी ख्0क्म् से शुरू हो जाएगा। अ‌र्द्धकुंभ के काम हर हाल में दिसंबर ख्0क्भ् तक पूरे हो जाने चाहिए। निर्माण एंव अनुरक्षण इकाई (गंगा) की ओर से अ‌र्द्धकुंभ के लिए कामों को दो भागों में रखा गया है। इसमें प्राथमिक कार्य जगजीतपुर में पूर्व निर्मित ब्भ् एमएलडी एसटीपी की क्षमता में चालीस एमएलडी की वृद्धि करना शामिल है। इसके लिए भ्ब् करोड़ का प्रस्ताव बनाया गया है, जिससे अ‌र्द्धकुंभ में भीड़ बढ़ने पर सीवरेज जल का ट्रीटमेंट हो पाए। विभाग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) निर्माण में पंद्रह माह का समय लगता है। अगर मेले से पूर्व एसटीपी नहीं बनी तो चालीस एमएलडी सीवरेज बिना शोधन के ही गंगा में प्रवाहित होगा।

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समिति जता चुकी नाराजगी

जल संसाधन मंत्रालय की संसदीय स्थाई समिति भी हरिद्वार में गंगा स्वच्छता पर नाखुशी जता चुकी है। समिति के हालिया हरिद्वार दौरे के दौरान यह बात सामने आई कि हरिद्वार में अब भी केवल एक तिहाई सीवेज ही ट्रीटमेंट होकर गंगा में जाता है। दो तिहाई सीवेज बिना ट्रीटमेंट के ही गंगा में जाता है। अ‌र्द्धकुंभ के दौरान अस्थाई आबादी बढ़ने से सीवेज भी बढ़ेगा, जिससे गंगा प्रदूषित होगी।

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वर्तमान में यह है स्थिति

सामान्य दिनों में हरिद्वार में क्ख्0 से क्फ्0 एमएलडी सीवरेज जल में से मात्र म्फ् एमएलडी पानी ही साफ हो पाता है। बाकी पानी सीधे गंगा में जाकर उसे मैला करता है। बड़े गंगा स्नान पर्व कुंभ, अ‌र्द्ध कुंभ और कांवड़ आदि के दिनों में यह मात्रा क्भ्0 से क्म्0 एमएलडी तक पहुंच जाती है, लेकिन एसटीपी की क्षमता कम होने के कारण ज्यादा सीवरेज जल गंगा में जाता है।

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'अ‌र्द्धकुंभ मेला के निर्माण कार्यो में देरी नहीं होने दी जाएगीक् तैयारी पूरी कर ली गई है। प्राथमिकता के काम बजट आवंटित होते ही इसी साल शुरू कर दिए जाएंगे.'

-डी। सेंथिल पांडियन, डीएम/मेलाधिकारी