-हॉस्पिटल में रोक दी गई थी बाबा के इलाज की मदद

-शहीद स्थल पर बैठे हैं एक महीने से अनशन पर

-सरकार की ओर से नहीं पहुंचा कोई सुध लेने वाला

DEHRADUN: राज्य आन्दोलन की नींव रखने वालों को राज्य बनने के बाद भुला दिया गया है। यहां बात हो रही है राज्य आन्दोलनकारी बाबा बमराड़ा की, जो पिछले एक महीने से शहीद स्थल पर अनशन पर बैठे हैं। बाबा बमराड़ा पूर्व में बीमारी की हालत में दून हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। वहां सीएम ने उन्हें सहायता का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक उन्हें मदद नहीं मिली। आरोप है कि हॉस्पिटल में बाबा बमराड़ा के इलाज के लिए मदद रोक दी गई थी। इसी से खफा होकर वे एक महीने से अनशन पर हैं। विडंबना तो यह है कि अब तक उनकी सुध लेने कोई नहीं पहुंचा।

'राज्य की अवधारणा नहीं हुई पूरी'

बाबा बमराड़ा के अनुसार उन्होंने अपनी जवानी का वक्त राज्य निर्माण को समर्पित कर दिया। इसके बाद नए राज्य के रूप में उत्तराखंड का जन्म जरूर हुआ, लेकिन उस वक्त नए राज्य के रूप में जिस प्रदेश का उन्होंने सपनेा देखा था वह आज भी अधूरा है। राज्य निर्माण का मुख्य मकसद पहाड़ों में रोजगार और विकास के जरिए पलायन रोकना था। शिक्षा और स्वास्थ्य व रोजगार आदि सुविधाओं से गांव को जोड़ना था, लेकिन अभी तक क्म् वर्षो में जिसकी भी सरकार बनी है,उसने पहाड़ से मुंह मोड़ लिया।