देहरादून:

मुठभेड़ के दौरान अमरजीत का साथी फरार हो गया। हरिद्वार के भगवानपुर क्षेत्र में हुई मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने पिस्टल, 6 कारतूस और बाइक बरामद की है। पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने बताया कि बाबा तरसेम ङ्क्षसह की हत्या लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे के उद्देश्य से 10 लाख रुपये की सुपारी लेकर की गई थी। मुठभेड़ के बाद फरार हुए बदमाश की तलाश में पूरे इलाके में नाकेबंदी कर सघन चेङ्क्षकग अभियान चलाया जा रहा है। इस हत्याकांड में पुलिस 7 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

सीसीटीवी से हुई थी पहचान

नानकमत्ता में डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम ङ्क्षसह की गत 28 मार्च को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह डेरा परिसर के बाहर कुर्सी पर बैठे हुए थे। हत्याकांड में पुलिस ने पांच आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया था। घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों में बाइक पर आए दोनों शूटर के चेहरे कैद हो गए थे। इनमें एक शूटर की पहचान फतेहगढ़ चूडिय़ां रोड, नगली भट्ट, जिला-अमृतसर (पंजाब) के निवासी अमरजीत ङ्क्षसह उर्फ बिट्टू के रूप में हुई, जबकि दूसरे की पहचान पंजाब के तरनतारन निवासी सर्वजीत ङ्क्षसह के रूप में हुई थी। पुलिस ने अमरजीत और उसके साथी पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

बिट्टू को लगी 7 गोली

घटना की जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने बताया कि सोमवार देर रात एसटीएफ को सूचना मिली कि शूटर अमरजीत ङ्क्षसह उर्फ बिट्टू अपने एक साथी के साथ भगवानपुर क्षेत्र रुड़की (हरिद्वार) होते हुए बाइक से मुरादाबाद की तरफ जा रहा है। इस पर एसटीएफ व हरिद्वार पुलिस ने भगवानपुर में इमलीखेड़ा मार्ग पर बदमाशों की घेराबंदी कर ली। पुलिस ने बाइक सवार बदमाशों को रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने पुलिस पर फायङ्क्षरग कर दी। जवाबी फायङ्क्षरग में अमरजीत ङ्क्षसह उर्फ बिट्टू गोली लगने से घायल होकर गिर पड़ा, जबकि उसका साथी अंधेरे का लाभ लेकर फरार हो गया। घायल अमरजीत को सिविल अस्पताल रुड़की ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों ने बताया कि अमरजीत को 7 गोली लगी हैं।

सफेदपोश का हाथ होने की आशंका

पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने बताया कि इस हत्याकांड में किसी सफेदपोश का हाथ भी हो सकता है। इसकी जांच अभी जारी है। हत्या को पूरी तरह सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। शूटर को हथियार और पैसा उपलब्ध कराया गया था। हत्याकांड में पंजाब के एक बड़े गिरोह का हाथ होने का पता चला है और अरमजीत इसी गिरोह का गुर्गा था। यह गिरोह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कबूतरबाजी और मादक पदार्थों की तस्करी से भी जुड़ा हुआ है। पंजाब पुलिस के साथ मिलकर इस गिरोह की जांच की जा रही है।