त्रासदी में नहीं खोया हौसला

उत्तराखंड में आई जल त्रासदी में जिस तरह लाखों लोग बेबस होकर बचाव का इंतजार कर रहे थे, वैसी स्थिति में इन हीमवीरों ने सबसे पहले राहत का काम शुरू किया। जंगलों, पहाडिय़ों की खाक छानते हुए न केवल इन्होंने लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया, बल्कि पूरी तरह तबाह हो चुके रास्तों को चलने लायक बनाया। इन हीमवीरों के ही ग्राउंड लेवल वर्क का नतीजा था कि कम समय में अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा सका।

कैमरे में कैद हुईं हीमवीरों की हिम्मत

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान हीमवीरों ने जिस अदम्य साहस का परिचय दिया था उसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सहित पिं्रट मीडिया ने अपने कैमरों में कैद किया था। साथ ही आईटीबीपी द्वारा भी अपने सोर्सेस द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन का फिल्मांकन किया गया था। अब इन क्लीपिंग्स की सहायता से उत्तराखंड त्रासदी के ऊपर अब तक की सबसे विश्वनिय डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है।

अमिताभ बच्चन से की गई रिक्वेस्ट

आईटीबीपी के सीनियर ऑफिसर ने बताया कि चुंकि यह पूरी डॉक्यूमेंट्री जांबाजों की हौसला आफजाई के लिए बनाई जा रही थी, इसीलिए यह जरूरी था कि इसमें आवाज एक ऐसे शख्स की डाली जाए जो जोश का संचार करे। सदी के महानायक की आवाज में वो जादू है जो न केवल जोश और उत्साह बढ़ाती है, बल्कि उनके आवाज का आकर्षण हर एक को अपनी ओर आकर्षित भी करता है। आईटीबीपी के ऑफिसर्स ने अमिताभ बच्चन से रिक्वेस्ट की जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। आईटीबीपी से जुड़े ऑफिसर कहते हैं कि पूरी डॉक्यूमेंट्री में जिस तरह बिग बी ने अपनी आवाज से जोश का संचार किया है अद्भूत है।

24 मिनट की है डॉक्यूमेंटी

इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जांबाजों को ट्रीब्यूट करती यह डॉक्यूमेंट्री 24 मिनट की है। इसमें न केवल आईटीबीपी जवानों के ट्रेनिंग प्रॉसेस को दिखाया गया है, बल्कि उनके ग्रांडउ लेवल वर्क को भी हाई लाइट किया गया है। डॉक्यूमेंट्री का नाम भी हीमवीर रखा गया है। इसमें अधिकतर क्लीपिंग जल त्रासदी के दौरान किए गए रेस्क्यू ऑपरेशन की है, जबकि कुछ शूटिंग देहरादून स्थित आईटीबीपी सेंटर में की गई है। डॉक्यूमेंट्री को 30 अगस्त को नई दिल्ली में एक भव्य समारोह के बीच रिलीज किया जाएगा।

जा है।