-दिल्ली में केंद्रीय मंत्री उमा भारती से सीएम हरीश रावत ने की मुलाकात

-नमामि गंगे में वेपकॉस की नियुक्ति पर भी सीएम ने उठाए सवाल

DEHRADUN: सीएम का केंद्र के मंत्रियों से मुलाकातों का सिलसिला जारी है। गुरुवार को एक बार फिर से सीएम हरीश रावत ने केंद्रीय मंत्री उमा भारती से दिल्ली में मुलाकात की और केंद्र पोषित योजनाओं की बकाया राशि न जारी किए जाने का रोना रोया। उन्होंने जल संसाधन मंत्री उमा भारती से प्रदेश में निर्माणाधीन केंद्र पोषित योजनाओं के लिए बकाया केंद्रांश की राशि 7फ्ख्.ख्फ् करोड़ रुपये जल्द प्रदेश के हित को देखते हुए जारी करने का आग्रह किया।

सहमति न लेना बना टकराव

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती से मुलाकात में सीएम ने कहा कि उत्तराखंड 9भ्क्.98 करोड़ की ख्भ् डीपीआर केंद्र को जमा करा चुका है, लेकिन उन्हें अनुमोदन नहीं दिया गया। वहीं, वेपकॉस द्वारा जमा की गई डीपीआर को कम समय में अनुमोदित कर दिया गया। एनजीटी ने राज्य में एसटीपी निर्माण कार्य छह माह में पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। वेपकॉस को आकलन, फिजीबिलिटी स्टडी व आरंभिक गतिविधियों के लिए राज्य सरकार की सहमति के बगैर ही कार्यदायी संस्था नियुक्त करना हितों के टकराव का कारण बन गया है।

बायोडाइजेस्टर लगाने को डीपीआर जल्द जमा हो

सीएम ने कहा कि वेपकॉस ने क्फ् शहरों की आकलन रिपोर्ट भी उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा बनाई गई डीपीआर के आंकड़ों के आधार पर तैयार की है। जबकि उसे अपनी रिपोर्ट व्यापक सर्वे व आकलन के आधार पर तैयार करनी थी। वेपकॉस को नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा बेसिन में आरंभिक गतिविधियों का दायित्व दिया गया है। ऐसे में उचित होगा कि क्फ्ख् ग्राम पंचायतों में आरंभिक स्तर की गतिविधियों को पूरा किया जाए। बायोडाइजेस्टर लगाने के लिए डीपीआर जल्द जमा की जाए।

स्थानीय लोगों का सहयोग जरूरी

सीएम ने कहा कि स्थानीय लोगों व संस्थाओं के बिना यह प्रोजेक्ट सफल नहीं हो सकते। पंचायती राज संस्थाओं को इस समझौते में शामिल करने की जरूरत है। राज्य के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस राज्य द्वारा निर्धारित एजेंसी से कराए जाने चाहिए। स्वच्छ भारत मिशन के तहत गंगा बेसिन के क्फ्ख् ग्राम पंचायतों में खुले में शौच से मुक्ति के लिए कार्य प्रगति पर है और ब्0 ग्राम पंचायतों में यह कार्य पूरा हो चुका है। रामनगर, सितारगंज व काशीपुर औद्योगिक व सीवेज प्रदूषण संबंधी कार्यो को नमामि गंगे में वित्तीय सहायता देने की जरूरत है।

कुल ब्फ्.8क् कराेड़ अवमुक्त

सीएम ने कहा योजना आयोग द्वारा उत्तराखंड के पुनर्निर्माण के लिए केंद्र पोषित योजनाओं के तहत विशेष पैकेज के जरिए एआईबीपी व बाढ़ नियंत्रण के लिए 879.भ्0 करोड़ स्वीकृत किए गए थे। उक्त विशेष पैकेज के तहत राज्य सरकार बाढ़ सुरक्षा के म्भ्7.79 करोड़ की भ्ब् योजना पर काम कर रही है। लेकिन केंद्र ने इन योजनाओं पर वित्त वर्ष ख्0क्ब्-क्भ् में ब्म्0.ब्भ् करोड़ के सापेक्ष मात्र ब्फ्.8क् करोड़ केंद्रांश राशि अवमुक्त की है। सीएम ने सीएसएसआर, सीएसएस, एफएमपी व एआइबीपी के अंतर्गत संचालित योनजाओं पर 7फ्ख्.ख्फ् करोड़ केंद्रांश की धनराशि भी जल्द अवमुक्त करने की मांग की।