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वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन बजट खपाने की कोशिश

कोषागार विभाग के सॉफ्टवेयर ने छूड़ाये पसीने

HARIDWAR:

वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन बजट खपाने में दिनभर अधिकारी-कर्मचारी माथापच्ची करते रहे .तेजी की राह में कोषागार विभाग के सॉफ्टवेयर ने कदम दर कदम रोड़ा अटकाया। बचे बजट का बिल सॉफ्टवेयर पर अपलोड करने में उन्हें देर रात तक जूझना पड़ा।

सप्ताह में बजट का क्7 फीसदी हिस्सा खर्च

वित्तीय वर्ष ख्0क्भ्-क्म् के आखिरी दिन तमाम सरकारी विभागों में सिर्फ बजट का जैसे-तैसे उपभोग करने पर ही चर्चा होती रही। मार्च महीने की पहली तारीख से चल रहे इस कवायद का असर यह रहा कि फरवरी तक जहां 80 फीसदी बजट का उपभोग किया जा सका था, वहीं अकेले पिछले एक सप्ताह ही कुल बजट का क्7 फीसदी हिस्सा खर्च किया। विकास भवन के विभिन्न विभागों से लेकर अन्य महकमों में इसे लेकर बुधवार देर शाम तक कामकाज निपटाया गया.आमतौर पर दस बजे तक सूना रहने वाले विकास भवन में सात बजे से ही अधिकारियों-कर्मचारियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। विभागों के लेखा अनुभागों में आवंटित बजट में से अब तक किए गए खर्च व बचे बजट का उपभोग करने में पूरे दिन माथापच्ची होती रही। सीडीओ सोनिका ने सुबह दफ्तर आते ही अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक ली और समय से वित्तीय कामकाज निपटाने का निर्देश दिया। सीडीओ ने बताया कि विकास भवन से कोई बजट लैप्स होने या वापस करने की स्थिति नहीं बनी।

देर शाम तक अपलोड नहीं किए बिल

कोषागार के सॉफ्टवेयर के ऐन वक्त पर धोखा दे देने कारण तमाम सरकारी विभागों ने बिल की प्रतियां सीधे कोषागार में जमा कर दीं, लेकिन उनमें से कई देर शाम तक अपलोड नहीं किए जा सके। यह बिल यदि गुरुवार की रात क्ख् बजे सॉफ्टवेयर पर लोड नहीं हो पाते और उन्हें पास नहीं कर दिया जाता है तो संबंधित बजट के लैप्स होने का खतरा बढ़ जाएगा। हालांकि मुख्य कोषाधिकारी रत्नेश ने बताया कि सॉफ्टवेयर का कमांड देहरादून में है। समस्या वहीं से आ रही है। फिलहाल मैनुअली काम कर बिलों की फी¨डग की जा रही है। सीटीओ ने किसी तरह के बिल कोषागार में लंबित न होने का दावा किया है, जबकि कई विभाग का कहना है कि कोषागार में बिल जमा करने के बाद उसे पास नहीं किया गया।

पूरा बजट खर्च करने का दावा

जिला योजना से विभागों को मिली रकम को खर्च करने में अपेक्षा से अधिक तेजी से दिखी। वहीं राज्य सेक्टर की योजनाओं व केंद्र पोषित कार्यक्रमों के बजट के खर्च का प्रतिशत फरवरी माह में अपेक्षाकृत पीछे था। सीडीओ सोनिका ने कहा कि विकास भवन में जो बजट खर्च होना था वह समय से खर्च किया गया है। केवल वेतन मद में आवंटित बजट में से 9फ् हजार रुपए वापस करने पड़े हैं, जो सामान्य प्रक्रिया के तहत आता है।

आखिरी दिन माथापच्ची

वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन हरिद्वार तहसील में दिनभर माथापच्ची चली। ज्वालापुर स्थित तहसील भवन में लेखा अनुभाग के साथ अन्य कर्मचारी बजट को लेकर सिर खपाते रहे। यहां सामान्य दिनों की अपेक्षा फरियादियों की भीड़ भी कम दिखी।

बजट खर्च की क्रमिक स्थिति:-

जिला योजना

अनुमोदित बजट : भ्7.ख्भ् करोड़

दिसंबर तक खर्च : फ्ख्.99 करोड़

खर्च का प्रतिशत : 7भ्.फ्9

फरवरी तक खर्च : ब्7.7म् करोड़

खर्च का प्रतिशत : 90.70

राज्य सेक्टर

अनुमोदित बजट : म्ख्भ्.ख्क् करोड़

दिसंबर तक खर्च : क्9क्.ब्ख् करोड़

खर्च का प्रतिशत : 78.88

फरवरी तक खर्च : ख्70.ब्म् करोड़

खर्च का प्रतिशत : 8भ्.80

केंद्र पोषित

अनुमोदित बजट : म्07.भ्8 करोड़

दिसंबर तक खर्च : ख्ख्9.म्ब् करोड़

खर्च का प्रतिशत : म्भ्.ब्ब्

फरवरी तक खर्च : ख्9म्.फ्भ् करोड़

खर्च का प्रतिशत : 7भ्.ख्क्