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-गढ़वाल क्षेत्र का संतुलन बनाने की बची है चुनौती

-मंत्रिमंडल में खाली पड़े दो पद मिल सकते हैं गढ़वाल को

देहरादून, राज्यसभा का चुनाव निपट गया है और अब मुख्यमंत्री हरीश रावत के सामने फिलहाल एक ही चुनौती बची है। वो है गढ़वाल-कुमाऊं का क्षेत्रीय संतुलन बनाना। क्षेत्रीय असंतुलन के सवाल पर पार्टी के अंदर जबरदस्त बयानबाजी हुई है और गढ़वाल के विधायकों ने खासी नाराजगी भी व्यक्त की है। खुद हरीश रावत कह चुके हैं कि राजनीति में ऐसा असंतुलन हो जाता है। रावत ने ये भी कहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में गढ़वाल के संतुलन को बनाया जाएगा।

गढ़वाल से हैं कई दावेदार

मंत्री बनने वालों की हसरत रखने वालों की लिस्ट लंबी है। आईनेक्स्ट ने पहले ही यह लिस्ट प्रकाशित की थी। एक अनार और दर्जनभर बीमारों की सूची है। पीडीएफ ने राज्यसभा की सीट मांगकर अपने कोटे के लिए मंत्री पद का ही दांव खेला था। इसमें बीएसपी के दो विधायकों में से एक को कुर्सी दी जा सकती है। इनमें सरवत करीम अंसारी आगे हैं। राज्यसभा चुनाव में अंसारी ने बीजेपी के प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू पर आरोप भी लगाया था कि उन्होंने क्रास वोटिंग के लिए अंसारी से संपर्क किया था। इस दोस्ती का इनाम अंसारी को मिल सकता है।

फिर खेल सकते हैं दलित कार्ड

मंत्रिमंडल विस्तार के वक्त भी सीएम हरीश रावत दलित कार्ड खेल सकते हैं। जिस तरह दलित कार्ड खेलकर रावत ने अपने करीबी प्रदीप टम्टा को कुमाऊं से राज्यसभा भेजा उसी तरह वे गढ़वाल मंडल में भी ये प्रयोग कर सकते हैं। इसमें सबसे ऊपर ममता राकेश का नाम है। ममता राकेश को मंत्री पद देने से एक तीर से तीन निशाने होंगे। एक तो महिला फैक्टर, दूसरा दलित और तीसरा मैदानी क्षेत्र। चमोली गढ़वाल की बद्रीनाथ सीट से विधायक व पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी की भी संभावनाएं तेज हो गई हैं। हालांकि इसी जिले के थराली विस सीट से प्रोफेसर जीतराम का भी नाम लिया जा रहा है। प्रो। जीतराम पहले ही नाराजगी जता चुके हैं और क्षेत्र में विकास कार्य न होने के कारण थराली को जिला बनाने की भी मांग कर चुके हैं। दलित चेहरों पर दांव खेलकर हरीश रावत ये संदेश भी देना चाहेंगे कि बीजेपी ने जिस तरह राज्यसभा चुनाव में दलित और महिला उम्मीदवार को दरकिनार किया वैसा कांग्रेस में नहीं है।

चार नाम सूची में सबसे ऊपर

-राजेंद्र भंडारी

-ममता राकेश।

-प्रो। जीतराम

-नवप्रभात।

::वर्जन::

देखिए, हम तो मंत्रिमंडल में पार्टी हाईकमान व मुख्यमंत्री किसको शामिल करते हैं। यह उन पर निर्भर है, लेकिन हमारी प्राथमिकता क्षेत्र में विकास कार्य होने को लेकर है। हमें जनता के बीच जाना है, विकास कार्य होने चाहिए।

प्रो। जीतराम टम्टा, विधायक थराली।