विधानसभा में रहा चर्चा का विषय

विधानसभा के कैंटीन संचालकों द्वारा 11 मंत्री के निजी सचिव के फर्जी मुहर और हस्ताक्षर के जरिए लाखों का बिल पास कराने के प्रयास का मामला थर्सडे पूरे दिन चर्चा में रहा। विधानसभा के अंदर हर किसी की जुबान पर यही प्रकरण था। लोगों ने हैरानी जाहिर करते हुए कहा इस तरह का दुस्साहस भला कैसे किया गया। क्या इसमें किसी और की भी मिलीभगत हो सकती है? ऐसे ही कुछ सवालों पर विधानसभा के अंदर कर्मचारी आपस में बात करते रहे। उधर, जिस सोसायटी को कैंटीन का टेंडर दिया गया था, उससे जुड़े तमाम पदाधिकारी कुछ भी कहने से बचते रहे।

स्पीकर के निजी सचिव भी निशाने पर

थर्सडे को मीडिया से बातचीत करते हुए स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा पूरा प्रकरण हैरान करने वाला है। निहित स्वार्थ के चलते फर्जी तरीके से धन कमाने व सुविधा पाने की लोगों जो होड़ है। वह चिंताजनक है। स्वयं उनके निजी सचिव के नाम की फर्जी मुहर बनाकर दिल्ली स्थित उत्तराखंड निवास में रूम पाने की कोशिश की गई। व्यवस्था अधिकारी द्वारा इस बाबत जानकारी मिलने के बाद ऋषिकेश के एक युवक को गिरफ्तार कर लिया गया। अब मामला सीधे विधानसभा से जुड़ा है। ऐसे में इसे गंभीरता से लिया जाएगा।

शासन द्वारा रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ एक्शन लेंगे। मामला गंभीर है, निहित स्वार्थ के चलते फर्जी तरीके से धन कमाने की होड़ चिंताजनक है।

-गोविंद सिंह कुंजवाल, स्पीकर विधानसभा