- पांच साल से न पानी की सैंपलिंग, न ओवर हेड टैंकों की सफाई
- कैंड बोर्ड के सीईओ को नहीं जानकारी, कब हुई थी टैैंकों की सफाई

देहरादून (ब्यूरो): जल कर के साथ ही जल मूल्य वसूलने वाले कैंट बोर्ड की लापरवाही का खामियाजा क्षेत्र के सवा लाख लोगों को भुगतना पड़ सकता है। यदि आप समझ रहे हैं कि कैंट बोर्ड आपको स्वच्छ पानी पिला रहा है, तो अलर्ट हो जाइए। कहीं आप गंदा पानी पीकर अपनी सेहत को तो नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं।

कैंट बोर्ड को नहीं पता
कैंट बोर्ड को यही पता नहीं है कि उसने कभी टैंकों की सफाई भी की है। पानी की सैंपलिंग की बात तो बहुत दूर है। इससे भी अहम बात यह है कि कैंट बोर्ड के सीईओ को ही पता नहीं है कि वह जो पानी जनता को पिला रहे हैं वह ठीक है या नहीं। इससे सीईओ की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। जब अधिकारी को ही मालूम नहीं है तो इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है।

आरटीआई में हुआ खुलासा
सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सोशल एक्टिविस्ट वीरू बिष्ट ने गढ़ीकैंट बोर्ड द्वारा पब्लिक को मुहैया कराए जा रहे पीने के पानी को लेकर सूचना मांगी, जिसमें उन्होंने पांच वर्षों में क्षेत्र में किए गए पानी के सैंपलों की कितनी बार जांच की गई तो इसकी कोई जानकारी दी गई।

पानी के टैंकोंकी सफाई का भी पता नहीं
कैंट बोर्ड ने आरटीआई के जवाब में कहा है कि टैंकों की सफाई होने की कही है, लेकिन कब-कब हुई इसकी कोई जानकारी आरटीआई में नहीं दी है। इससे सवाल उठता है कि क्या कैंट बोर्ड पानी की स्वच्छता की जांच कराए बिना पानी की आपूर्ति कर रहा है। 30 से 40 प्रतिशत लोगों के घरों में ही आरओ फिल्टर लगा है। बाकी 60 से 70 प्रतिशत जनता सीधे नल का पानी पी रहे हैं। ऐसे में यदि उन्हें सप्लाई हो रहा पानी स्वच्छ नहीं निकला तो वह कई बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।

3 से 6 माह में होनी चाहिए सफाई
सोशल एक्टिविस्ट वीरू बिष्ट ने बताया कि कैंट बोर्ड से मांगी गई आरटीआई में कोई जानकारी में रिकार्ड न होना बताया गया है। उन्होंने बताया कि नियमानुसार पानी के ओवर हेड टैंक की सफाई 3 से छह माह में एक बार अवश्य होनी चाहिए। साथ ही समय-समय पर क्लोरीनेशन किया जाना है। पब्लिक का कहना है कि पानी में होने वाले क्लोरीनेशन भी संदेहास्पद लग रहा है। समय-समय पर पानी की सैंपलिंग भी होनी चाहिए, ताकि पता चले कि पानी पीने लायक है या नहीं। ऐसा न करके यह उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।

पानी की की सैंपलिंग और टैंकों की सफाई के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इस बारे में मेरे जेई से बात कर लो।
अभिनव कुमार, सीईओ, कैंट बोर्ड, गढ़ी कैंट
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