-दून में दालें भी खा रहीं भाव

सब्जियां पहले से ही दिखा रहीं हैं तेवर

DEHRADUN: दाल और सब्जियों पर महंगाई एक बार फिर से छा गयी है। जिससे दूनाइट्स परेशान हैं। यही वजह है कि जब रसोई में सब्जी ही नहीं दाल गलाने की बात की गयी तो सूबे की राजधानी में रहने वाले लोगों का दर्द आखिर छलक ही पड़ा।

मुश्किल में डाला महंगाई ने

निरंजनपुर के रहने वाले लाला की संयुक्त फैमिली है। लेकिन, घर में कमाने वाले लाला अकेले ही है। महज छह हजार की प्राइवेट जॉब करने वाले तकरीबन पचास साल के लाला ने बताया कि पहले एक-एक किलोग्राम सब्जियां ले जाते थे। लेकिन, अब सब्जी लेने से पहले सौ बार सोचना पड़ता है। कई सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। इसीलिए सब्जी लेते समय अब महज पाव-पाव भर ही सब्जी ही लेकर घर लौटना पड़ता है। हालांकि आलू, प्याज, तोरई आदि कुछ सब्जियों के रेट में खास अंतर नहीं आया है। उधर, टमाटर ने जरूर कुछ राहत दी है। इसका रेट 80 से अब महज ब्0 रुपये प्रतिकिलो पर आ गया है।

दाल गलाना भी आसान नहीं

ब्रह्मपुरी एरिया के रहने वाले महेंद्र कुमार का कहना है कि सब्जी ही नहीं दालें भी महंगी हैं। हर किसी का बूता नहीं है जो कि अपनी रसोई में मनपसंद दाल गला ले। व्यवस्था पर सवाल करते हुए पटेल नगर के पप्पू ने कहा कि जमाखोरी बंद क्यों नहीं की जाती है। जब तक गोदामों में दालों को जमाकर रखा जाएगा तब तक यह महंगाई ऐसे ही परेशान करती रहेगी।

बॉक्स।

ये हैं सब्जी रेट

सब्जी अब पहले

लौकी ब्0 ख्0

खीरा ब्भ् क्भ्

करेला फ्0 ख्0

मटर क्00 80

बीन्स म्0 फ्0

अरबी भ्0 फ्0

ये है दालों का हाल

दाल अब पहले

अरहर क्90 क्70

चने की दाल 9भ् 8भ्

साबुत मसूर क्00 8भ्

मलका क्ख्0 90

वर्जन

सब्जी और दालों पर महंगाई ने तो परेशान ही कर दिया है। पता नहीं कब राहत मिलेगी।

नायब सिंह

महंगाई का यही हाल रहा तो आम आदमी का जीना मुहाल होना निश्चित है। दाल-सब्जी सस्ती रहें।

जगतपाल सिंह

पहले गरीब परिवार दाल-चावल खाकर गुजरा कर लेता था। लेकिन, अब तो वह भी नहीं हो सकता है।

इरफान

दाल रोटी खाओ प्रभु के गुन गाओ, आम कहावत सुनते आ रहे हैं। दाल महंगी हो गयी क्या खाए इंसान।

देवरेश

बरसात होने की वजह से कुछ सब्जियों के रेट तो बढ़ ही जाते हैं। लेकिन, ज्यादा बढ़ते हैं तो लोगों को दिक्कत तो होती है।

मुन्नालाल, दुकानदार