- उत्तराखंड में पचास करोड़ से अधिक का दवा कारोबार नहीं हो सका

- सरकार के राजस्व को भी करोड़ों का नुकसान, आज खुली रहेंगी दुकानें

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ष्ठश्व॥क्त्रन्ष्ठहृ: ऑनलाइन दवाओं की ट्रेडिंग एक्ट में केंद्र सरकार द्वारा संशोधन से नाराज केमिस्टों की एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल में वेडनसडे को पूरे उत्तराखंड ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सेदारी की। देहरादून, हरिद्वार समेत पूरे प्रदेश के लगभग आठ हजार मेडिकल स्टोर बंद रहने के चलते एकतरफ जहां 50 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ, वहीं आम लोगों को भी इससे खासी परेशानी उठानी पड़ी। सरकारी राजस्व को भी खासा चूना लगा है। थर्सडे को सभी मेडिकल स्टोर फिर से पहले की तरह ही खुले रहेंगे।

सीएम से पीएम तक भेजे गए ज्ञापन

उत्तरांचल औषधि व्यवसायी महासंघ के बैनर तले पूरे प्रदेश में डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एसोसिएशंस ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किए और सीएम से लेकर पीएम तक के नाम ज्ञापन स्थानीय प्रशासन को सौंपे।

दून में बंद रहे सभी स्टोर्स

राजधानी में उत्तरांचल औषधि व्यवसायी महासंघ, डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एसोसिएशन देहरादून व केमिस्ट एसोसिएशन देहरादून महानगर से जुड़े सभी व्यवसाइयों व कारोबारियों ने कारोबार बंद रखा।

हरिद्वार में भी 1400 स्टोर नहीं खुले

हरिद्वार में वेडनसडे को हड़ताल के चलते जिले के चौदह सौ मेडिकल स्टोर बंद रहे। हरिद्वार केमिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अमितगर्ग के नेतृत्व में मेडिकल स्टोर संचालक रानीपुर मोड़ पर एकत्रित होकर जिलाधिकारी कैंप कार्यालय तक रैली निकाली।

रुड़की में लटके रहे दुकानों पर ताले

दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के विरोध में रुड़की और आसपास क्षेत्रों की लगभग 400 दवा दुकानें बंद रही। रुड़की केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र शर्मा के नेतृत्व में दवा कारोबारियों ने बीएसएम तिराहे पर नारेबाजी कर रोष जताया।

ऋषिकेश में ऑनलाइन फार्मेसी पर भड़के केमिस्ट

ऑनलाइन दवा बिक्री के विरोध में कैमिस्ट एसोसिएशन की ऋषिकेश व श्यामपुर शाखा ने ऋषिकेश में भी अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। एसोसिएशन ने तहसील में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री ज्ञापन भेजा।

सभी जगह भटकती रही जनता

मेडिकल स्टोर संचालकों की हड़ताल के चलते स्टेट के सभी शहरों में अपने मरीजों के लिए दवा का जुगाड़ करना आम जन को भारी हो गया। हर जगह लोग इधर से उधर कोई मेडिकल स्टोर खुला होने की आस में भटकते दिखाई दिए। हालांकि कुछ जगह पर प्राइवेट हॉस्पिटल्स के अंदर चल रहे मेडिकल स्टोर खुले रहने से राहत मिली, लेकिन अधिकांश स्थानों पर जनता परेशान ही दिखाई दी।