देहरादून,

दून की शांत वादियां देश के अन्य राज्यों के मोस्टवांटेड बदमाशों के फरारी काटने का अड्डा बनता जा रहा है। पिछले एक वर्ष से दून में किराए पर अपनी पहचान बदलकर गैंगस्टर पहलवान किराए के मकान पर अपनी पत्‍‌नी और बेटी के साथ रह रहा था। पुलिस के सत्यापन अभियान और अन्य दावों की भी पहलवान की गिरफ्तारी ने पोल खोल कर रख दी। इससे साफ है कि बदमाश आसानी से बिना किसी रोक टोक के लंबे समय तक दून में टूरिस्ट बनकर अपने काम को अंजाम देते आ रहे हैं। जिससे लॉ एंड ऑर्डर पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पहलवान से पहले मई 2019 में एसटीएफ की टीम ने दून में रिस्पना के सामने से यूपी के ईनामी बदमाश कौशल चौबे को गिरफ्तार कर चुकी है। कौशल चौबे को पुलिस 15 वर्षो से तलाश कर रही थी। वर्ष 2004 में बलिया में पीडब्लूयूडी के ठेके को लेकर कई मर्डर और अटैम्ट टू मर्डर केसेज के बाद से अपराधी कौशल कुमार चौबे ने अपना घर छोड़ दिया था और पुलिस की गिरफ्तारी के डर से छिपने और काम करने के उद्देश्य से हरिद्वार आ गया था। हरिद्वार में पूजा-पाठ का काम करते हुए हरिद्वार से ही बलिया के काम को देखता था.् इसी दौरान अपराधी कौशल कुमार शिमला में भी दो तीन वर्ष ठेकेदारी का काम करता रहा। बाद में वहां से का ठिकाना बदल-बदल कर उत्तराखंड आ गया। यहां मसूरी के भट्टा गांव, नरेन्द्रनगर, टिहरी, नेपाली तिराहा,रायवाला और वर्ष 2019 के माह फ रवरी से हरिपुरकलां रायवाला में पत्नी के साथ फ्लैट मे रह रहा था। इसके अलावा जमशेदपुर का कुख्यात डॉन अखिलेश सिंह भी देहरादून में फरारी काट चुका था, अखिलेश ने भी दून में फ्लैट भी खरीद लिया था। पंजाब का मोस्टवांटेड हरसिमरनदीप सिंह उर्फ सिम्मा भी देहरादून में ही पकड़ा गया था। इंदौर में केबल माफिया के गैंगवार में मर्डर कर फरार चल रहे रोहित सेठी को भी देहरादून में गिरफ्तार किया गया था।