- शासन ने सशर्त डीएसीपी का लाभ देने का दिया आश्वासन

- गुरुवार तक डीएसीपी को लेकर आदेश जारी करने का आश्वासन

DEHRADUN: डीएसीपी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। शासन द्वारा सशर्त डॉक्टरों को डायनेमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन स्कीम (डीएसीपी) का लाभ देने का आश्वासन दिया गया है। शर्त यह है कि डीएसीपी का लाभ पान के लिए डॉक्टरों को अब पहाड़ चढ़ना पड़ेगा साथ ही चार वर्ष की समयबद्ध पदोन्नति के लिए दो वर्ष तक दुर्गम क्षेत्र में सेवा देनी होगी। इसी प्रकार नौ वर्ष की समयबद्ध पदोन्नति के लिए पांच वर्ष, क्फ् साल में मिलने वाली पदोन्नति के लिए सात वर्ष और ख्0 वर्ष में मिलने वाली पदोन्नति के लिए नौ वर्ष दुर्गम क्षेत्र में डॉक्टरों को अपनी सेवाएं देनी होंगी। शासन ने डीएसीपी को लेकर गुरुवार तक आदेश जारी करने का आश्वासन डॉक्टर्स को दिया है।

हड़ताल पर थे डॉक्टर्स

प्रदेश में अभी तक एक अप्रैल ख्0क्भ् के बाद भर्ती होने वाले सरकारी डॉक्टरों को डीएसीपी का लाभ मिलता था। इससे पूर्व सरकारी सेवा दे रहे डॉक्टर्स द्वारा सभी को डीएसीपी के लाभ की मांग कर की जा रही है। कैबिनेट में इस संबंध में हरी झंडी मिलने के बावजूद इसका शासनादेश जारी नहीं हो पा रहा था। इससे नाराज सरकारी डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी थी। बीते रोज सीएम के स्तर से प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद इसे वित्त महकमे को भेजा गया था। वित्त महकमे की हरी झंडी के बाद अब इसमें केवल औपचारिक आदेश होने बाकी हैं। इसके प्रावधानों के तहत चिकित्सकों को चार वर्ष, नौ वर्ष, क्फ् वर्ष व ख्0 वर्ष में डीएसीपी का लाभ मिलेगा। इसके लिए इन्हें दुर्गम क्षेत्र में अनिवार्य सेवा देनी होगी। पहली पदोन्नति पर इन्हें म्म्00 रुपये ग्रेड पे, दूसरी पदोन्नति पर 7म्00 रुपये ग्रेड पे, तीसरी पदोन्नति पर 8700 रुपये ग्रेड पे और चौथी पदोन्नति पर 8900 रुपये ग्रेड पे दी जाएगी। प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ। एके गोस्वामी का कहना है कि सरकार ने उनकी मांग मान ली है। अब इसका औपचारिक आदेश होना बाकी रह गया है, संघ ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है।