- टिकट कटने से संजय तोमर और समर्थकों ने दिया एबीवीपी कार्यालय पर धरना

- परिषद के पदाधिकारियों पर भी लगाया पैसे के लेन-देन का आरोप

- दोनों गुटों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए पुलिस हुई अलर्ट

DEHRADUN: शुक्रवार देर रात एबीवीपी द्वारा डीएवी छात्र संघ चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित करने के बाद शनिवार को स्थिति तनावपूर्ण दिखाई दी। यहां अध्यक्ष पद के लिए दो दावेदार मैदान में थे। इनमें से राहुल कुमार के नाम पर मुहर लगी। इसके बाद सोमवार को दूसरे दावेदार संजय तोमर के समर्थक विरोध पर उतर आए। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पर दो लाख रुपये लेकर राहुल का नाम तय करने का आरोप लगाया। जिसके बाद दोनों दावेदारों के समर्थकों ने कॉलेज में रैली के जरिए अपनी ताकत का अहसास कराया।

दिल्ली पहुंचे प्रत्याशी

बीते साल से अध्यक्ष पर की दावेदारी को लेकर एबीवीपी के दो गुटों में विवाद चला आ रहा है। इस साल भी यह विवाद बदस्तूर जारी था। लेकिन शुक्रवार को एक गुट के प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगने के साथ ही दूसरा गुट विरोध में उतर गया। देर रात संगठन ने राहुल कुमार के नाम पर मुहर लगा दी। इसके बाद जहां एक खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई, वहीं दूसरे खेमे ने विरोध के सुर बुलंद किए। जिसके चलते शनिवार सुबह संजय तोमर के दर्जनों समर्थक पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष पारस गोयल के नेतृत्व में प्रांतीय कार्यालय में धरने पर बैठ गए। वहीं, कुछ पदाधिकारी संजय तोमर को प्रत्याशी घोषित कराने के लिए दिल्ली रवाना हो गए।

पैसे के लेन-देन का लगाया आरोप

टिकट कटने से नाराज संजय तोमर ने आरोप लगाया कि प्रदेश अध्यक्ष ने दो लाख रुपये लेकर नाम फाइनल किया। उन्होंने कहा कि कार्यालय में तोड़फोड़ करने वालों को टिकट दिया जाना गलत परंपरा है। इसके बाद इस खेमे ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा भी की। हालांकि, अभी तक इस पर खुलकर वे सामने नहीं आ रहे। इसी कड़ी में संजय तोमर ने विरोध जताते हुए अपने समर्थकों के साथ परिसर में रैली निकाली और अपनी दावेदारी बरकरार रखने की मांग की। वहीं, एबीवीपी के प्रत्याशी राहुल ने नाम तय होने के बाद छात्रों के बीच जाकर सहयोग मांगा। उन्होंने समर्थकों के साथ रैली निकाली और छात्र हित में काम करने का आश्वासन दिया। दूसरी ओर विवाद को देखते हुए पुलिस भी अलर्ट दिखाई दी। पुलिस की ओर से कॉलेज में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे।

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पैसे लेकर टिकट देने का आरोप राजनीतिक स्टंटबाजी से ज्यादा कुछ नहीं है। एबीवीपी सामाजिक समरसता को मानने वाला संगठन है। इसलिए एक आर्थिक रूप से कमजोर और दलित छात्र को टिकट दिया गया है। संगठन में कोई मतभेद नहीं है। दोनों छात्र चुनाव की तैयारी कर रहे थे, इसलिए इतना विरोध आम है। सभी से वार्ता की जा रही है। एबीवीपी एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी और लगातार क्0वें साल जीत का रेकॉर्ड बनाएगी।

रमाकांत श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष, एबीवीपी उत्तराखंड