- 30 अप्रैल तक एमसीआई निरीक्षण नहीं करती तो टलेगी मान्यता
- गुरुवार को भी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का नहीं हुआ निरीक्षण
DEHRADUN: डेढ़ सौ युवाओं के डॉक्टर बनने के सपने को पंख लगने की फिलहाल उम्मीद कम ही दिखती है। अगर फ्0 अप्रैल तक मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की टीम निरीक्षण करने नहीं आई तो मान्यता का मामला एक साल तक के लिए लटक जाएगा। निरीक्षण के बाद एमसीआई की हरी झंडी मिलने के बाद ही मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई संभव हो पाएगी।
तीसरे दिन भी नहीं हुआ निरीक्षण
एमसीआई की टीम के ख्म् अप्रैल को देहरादून में आने की सूचना चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के पास आ गयी थी। इसी के मद्देनजर उम्मीद जताई जा रही थी कि टीम राजकीय देहरादून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल परिसर का निरीक्षण करेगी। लेकिन, गुरुवार को तीसरे दिन भी ऐसा नहीं हो सका। टीम के आगमन को देखते हुए दिनभर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल परिसर में अधिकारियों और कर्मचारियों की सक्रियता देखी गयी।
निरीक्षण के लिए शुल्क कराया था जमा
चिकित्सा अधीक्षक डॉ। केके टम्टा के अनुसार एमसीआई की टीम द्वारा मेडिकल कॉलेज में क्भ्0 मेडिकल सीटों को हरी झंडी दिए जाने के सिलिसिले में एक बार निरीक्षण करने के लिए बतौर शुल्क साढ़े तीन लाख रुपये पहले ही जमा करा दिए गए थे। जनवरी में हुए निरीक्षण के लिए भी इतनी ही रकम जमा कराई गयी थी।
निरीक्षण के बार देखा जाता है अनुपालन
बताया जाता है कि एमसीआई द्वारा एक अगस्त से लेकर ख्8 फरवरी के बीच एक बार निरीक्षण करने आती है। इस दौरान बताए गए बिन्दुओं के अनुपालन के मूल्यांकन के लिए टीम फिर से निरीक्षण करने के लिए आती है। यह निरीक्षण हर हाल में फ्0 अप्रैल तक करने का नियम है। अगर टीम फ्0 अप्रैल तक निरीक्षण नहीं कर पाती है, तो मान्यता की प्रक्रिया एक साल के लिए लटक जाती है। बताते चलें कि जनवरी मंथ में टीम ने दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान तमाम बिन्दुओं पर कार्य करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद मार्च मंथ में टीम को आना था। लेकिन, तैयारियों के लिए पन्द्रह दिन का समय और दे दिया गया था। इसके बाद अब टीम के निरीक्षण का कार्यक्रम तय हुआ है लेकिन, निरीक्षण का महज इंतजार ही किया जा रहा है। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि समय सीमा खत्म होने से पहले एमसीआई टीम निरीक्षण का काम पूरा कर लेगी।
वर्जन
मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के लिए निर्धारित शुल्क पहले ही जमा किया जा चुका है। फ्0 अप्रैल तक अगर निरीक्षण नहीं होता है तो मेडिकल कॉलेज की मान्यता एक साल के लिए टल जाएगी।
डॉ। केके टम्टा, चिकित्सा अधीक्षक