देहरादून (ब्यूरो)।
मुजफ्फरनगर कांड की बरसी के एक दिन पहले उत्तराखंड राज्य निर्माण चिह्नित आंदोलनकारी मंच से जुड़े आंदोलनकारी दूरस्थ जिलों से बीते थर्सडे को दून पहुंच गए। इस बीच फ्राइडे सुबह करीब छह बजे शहीद स्मारक के भवन की छत व पेड़ पर चढ़ गए। महिला आंदोलनकारी ने तो पेड़ पर ही मचान बना लिया। इसकी जानकारी मिलने पर सीओ सिटी शेखर सुयाल व सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान मौके पर पहुंचे। उन्होंने शासन से वार्ता कराने का आश्वासन देकर आंदोलनकारियों से नीचे उतरने की अपील की, लेकिन आंदोलनकारी नहीं माने। इस बीच वहां बड़ी संख्या में पहुंचे विभिन्न संगठनों से जुड़े राज्य आंदोलनकारी धरने पर बैठ गए। मंच की प्रदेश महासचिव बीरा भंडारी ने कहा कि चिह्नित आंदोलनकारियोंको एक समान पेंशन देने, सरकारी सेवा भर्ती में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण और कार्डधारकों को समय पर पेंशन भुगतान की मांग लंबे समय से की जा रही है। लेकिन, सरकार इसे अनदेखा कर रही है। आंदोलनकारी भूमा रावत ने कहा कि बीते थर्सडे को सरकार ने आश्रितों के लिए पेंशन का शासनादेश जारी किया, लेकिन जो मांग की जा रही है, उस पर सिर्फ आश्वासन दिया गया है। इस दौरान चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति की अध्यक्ष सावित्री नेगी, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, चंद्रकला, ज्ञानेंद्र, रीता डबराल, प्रभा रावत, प्रभात डंडरियाल, गोविंद बडोनी, विशाल, सतपाल मौजूद रहे।

ये चढ़े छत पर
-उत्तरकाशी भटवाड़ी निवासी जगमोहन सिंह रावत
-पौड़ी निवासी देवेश्वरी देवी, रीना देवी चौहान व यशोदा रावत
-पौड़ी केथलीसैंण निवासी संपति देवी