परिषद के गठन के 24 घंटे में ही मचा हो-हल्ला

-परिषद के उपाध्यक्ष तिग्मांशु धूलिया ने पद लेने से किया इनकार

-कई सदस्यों ने कहा, हमसे पूछे बिना क्यों दिए गए पद

-परिषद में शामिल न होने वालों ने शनिवार को सीएम से की भेंट

देहरादून, राज्य गठन के 16 सालों में पहली बार सूबे में बनी 'उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद' के गठन के 24 घंटों के भीतर ही परिषद में फसाद शुरूहो गया है। परिषद में वाइस प्रेसिडेंट बनाए गए मशहूर फिल्म मेकर तिग्मांशु धूलिया ने सरकार से अपनी नियुक्ति वापस लेने के लिए पत्र लिख डाला। वहीं परिषद में सदस्य बनाए गए फिल्म मेकर मनीष वर्मा ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इधर, शनिवार को सीएम से मिलकर कई लोक कलाकारों ने परिषद में शामिल न किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई।

कइयों का जानकारी से इनकार

परिषद में नामित किए गए उपाध्यक्ष तिग्मांशु धूलिया समेत कई सदस्यों ने खुद के चयन की जानकारी होने से इनकार किया। शनिवार को नामित सदस्य मनीष वर्मा, उफतारा के अध्यक्ष कांता प्रसाद सहित कई लोगों ने सीएम से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि मनीष वर्मा उपाध्यक्ष पद चाहते हैं तो उफतारा के अध्यक्ष कांता प्रसाद परिषद में जगह चाहते हैं। नाराज मनीष वर्मा ने जैसे ही अपना त्याग पत्र सौंपा वैसे ही बालीवुड फिल्म मेकर तिग्मांशु धूलिया ने भी उपाध्यक्ष पद वापस लेने के लिए सरकार को चिट्ठी लिख डाली।

::फिल्म परिषद के हाईलाइट्स:::::

-शुक्रवार को सरकार ने उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के गठन को दी थी मंजूरी।

-सीएम को अध्यक्ष जबकि मशहूर फिल्मकार तिग्मांशू धूलिया और बॉलीवुड अभिनेता हेमंत पांडे को बनाया था उपाध्यक्ष।

-सदस्य के तौर पर नरेंद्र सिंह नेगी, हीरा सिंह राणा, मथुरा दत्त भट्ट, मीना राणा, शिव पैन्यूली, चंद्र दत्त तिवारी, विक्की योगी, एसपीएस नेगी, कुंवर राम सिंह नेगी, सुदर्शन शाह, बाबू राम शर्मा, महेश प्रकाश सतीश शर्मा व मनीष वर्मा नामित किए गए।

-सचिव वित्त, सूचना, पर्यटन, संस्कृति, उद्योग व नागरिक उड्डयन को बतौर सदस्य बनाया गया।

-सूचना विभाग के महानिदेशक को मेंबर सेक्रेटरी व सीईओ बनाया गया।

-आमंत्रित सदस्य के तौर पर प्रदीप भंडारी, प्रकाश रावल व रेखा धस्माना उनियाल को शामिल किया गया।

-राज्य के बाहर की फिल्मों को मदद व मूल्यांकन के लिए समिति में सुदर्शन जुयाल अध्यक्ष, अजय सिंह व चंद्रवीर गायत्री सदस्य बनाए गए।

::बॉक्स::

तिवारी सरकार ने बनाया था बोर्ड

राज्य गठन के बाद यह पहला मौका है जब उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद का गठन किया गया। हालांकि एनडी तिवारी के शासनकाल में उत्तराखंड फिल्म बोर्ड का गठन किया गया था। तब फिल्मकार यश चोपड़ा व मुजफ्फरअली को उपाध्यक्ष बनाया गया था।

:::वर्जन::

मुझे परिषद में उपाध्यक्ष का पद दिया गया। ये सरकार ने खुद फैसला किया, मुझे पहले इसकी जानकारी नहीं दी गई। मैं सरकार का धन्यवाद करता हूं कि उसने मुझे इस लायक सम्मान दिया, लेकिन मैं इस पद को स्वीकार करने में खुद को असहज महसूस कर रहा हूं। इसलिए सरकार से विनती है कि वो मेरा अप्वॉइंटमेंट निरस्त करे।

तिग्मांशु धूलिया, गीतकार व फिल्म मेकर

मुझे परिषद का उपाध्यक्ष बनाया गया है। मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभाऊंगा। हां, मुझसे इस बारे में चर्चा की गई थी। तिग्मांशु धूलिया के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।

हेमंत पांडे, बॉलीवुड कलाकार

उन लोगों को फिल्म परिषद का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जो समय नहीं दे पाएंगे। उफतारा ने भी विरोध किया है। मेरा कहना है कि मैं पहले राज्य मंत्री रह चुका हूं, सदस्य बनने का औचित्य ही नहीं बनता।

मनीश वर्मा, निवर्तमान सदस्य।

परिषद का सदस्य बनाने से पहले हमसे से भी नहीं पूछा गया था। जबकि ऐसी जिम्मेदारी देने से पहले पूछा जाना चाहिए। वैसे भी अब वक्त काफी कम है। बैठकों के लिए समय देना पड़ता है।

नरेंद्र सिंह नेगी, गीतकार व गायक।

एक-आध बार चर्चा हुई थी। लेकिन सदस्य नामित होने के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई। मुझे मीडिया द्वारा ही इसकी जानकारी मिली है। अभी दिल्ली में हूं, देहरादून आने पर पूछंगा कि सदस्य के क्या काम होंगे और किस आधार पर सदस्य नामित किया गया।

हीरा सिंह राणा, गीतकार व गायक।