डॉक्टर्स का ट्रांसफर, हॉस्पिटल पर मरीजों का दबाव

- 40 ऑपरेशन होते थे पहले

- 10 तक सिमट गई इन दिनों ऑपरेशन की संख्या

- 6 डॉक्टर्स की तैनाती थी पहले दून हॉस्पिटल में

DEHRADUN: प्रदेश के सबसे बड़े हॉस्पिटल दून मेडिकल कॉलेज से आंखों के डॉक्टर्स का ट्रांसफर हो जाने से मरीजों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। दून मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में एक ही सीनियर सर्जन होने की वजह से आई डिपार्टमेंट में ऑपरेशन के मामलों में दबाव बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा हाल में ही तीन डॉक्टर्स का ट्रांसफर गांधी शताब्दी हॉस्पिटल में हो जाने की वजह से ब्0 के बजाए अब रोजाना ऑपरेशन की संख्या घटकर क्0 तक हो गई है। हालांकि दून मेडिकल हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि पिछले दिनों हुए औसतन ऑपरेशन की तुलना में कम स्टाफ बेहतर कार्य कर रहा है।

ख् अक्टूबर से शुरू हुआ आई हॉस्पिटल

वैसे तो अपनी कार्यप्रणाली के लिए उत्तराखंड स्वास्थ्य महकमा पहले से ही सुर्खियों में रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की अजब-गजब कारनामों से इन दिनों आंखों के मरीजों को बड़ी दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है। बता दें कि दून मेडिकल हॉस्पिटल में इन दिनों आई डॉक्टर्स का ट्रांसफर गांधी आई हॉस्पिटल में होने से मरीजों पर सीधा फर्क पड़ रहा है। दरअसल पिछले ख् अक्टूबर से सरकार ने गांधी नेत्र चिकित्सालय की आनन-फानन में शुरुआत कर दी। ऐसे में दून हॉस्पिटल के तीन सीनियर आई स्पेशलिस्ट का ट्रांसफर गांधी आई हॉस्पिटल में कर दिया गया।

क्0 ऑपरेशन हो रहे डेली

गांधी आई हॉस्पिटल में फिलहाल ऑपरेशन थिएटर तैयार न होने से मरीजों की तादाद वहां कुछ खास नहीं है। इधर दून हॉस्पिटल में आंखों के इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या उतनी ही है। दून हॉस्पिटल के आंकड़ों के अनुसार पिछले सितंबर तक जहां दून हॉस्पिटल में प्रतिदिन फ्0 ऑपरेशन किए जाते थे। वहीं इन दिनों यह संख्या घटकर क्0 तक आ चुकी है। स्थिति यह है कि पहले डॉक्टर्स की तादाद म् थी और अब यह आधी रह गई है। दून हॉस्पिटल के एमएस डॉ। केके टम्टा ने बताया कि डॉक्टर्स के ट्रांसफर होने से बाकी बचे डॉक्टर्स पर मरीजों का लोड बढ़ गया है। डॉ। टम्टा ने बताया कि विभाग से कुछ और डॉक्टर्स की मांग की गई है जल्द यह कमी दूर हो जाएगी।