- एक आरोपी के खिलाफ व्यापमं में हो चुकी चार्जशीट

- मामले में 10 की अब तक हो चुकी है गिरफ्तारी

DEHRADUN: बीते रविवार यूएपीएमटी के दौरान पकड़े गए मुन्ना भाइयों से पूछताछ के बाद व्यापमं से जुड़े मामलों की परतें खुलने लगी हैं। आई नेक्स्ट ने इस बात का खुलासा पहले ही कर दिया था। शिवहरे के चेलों की उत्तराखंड में दस्तक देने के बाद यहां भी व्यापमं की तर्ज पर नेटवर्क फैलाने की बात सामने आ रही है। रविवार को गिरफ्तार मुन्ना भाईयों में से एक मुन्ना भाई की कुंडली खंगालने में पुलिस जुट गई है। इसके लिए कानपुर मेडिकल कॉलेज से संपर्क साधा जा रहा है। साथ ही पुलिस यह पता लगाने का प्रयास भी कर रही है कि व्यापमं में चार्जशीट दाखिल होने के बावजूद उक्त छात्र के खिलाफ कॉलेज प्रशासन ने क्या कदम उठाया।

एक के खिलाफ सीबीआई कर चुकी चार्जशीट

रविवार को दून पुलिस द्वारा गिरफ्तार गिरोह ने खुद कबूला है कि उन्होंने उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी अपना जाल फैला रखा था। अब तक इस गिरोह के सरगना समेत क्0 सदस्य दून पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। इनमें से पांच मेडिकल के छात्र हैं। अब तक की जांच में सबसे शातिर बसंत कुमार पाया गया है। बसंत वर्ष ख्0क्0 में मध्य प्रदेश प्री मेडिकल टेस्ट में गड़बड़ी करने के आरोप में सीबीआई के निशाने पर आया था। इसमें बसंत ने किसी तरुण सागर नाम के छात्र की जगह परीक्षा दी और पकड़ा गया था। व्यापमं घोटाले के नाम से चर्चित इस मामले में बसंत के खिलाफ वर्ष ख्0क्ख् में चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। हालांकि, बाद में उसे कोर्ट से जमानत मिल गई थी। लेकिन, हैरान करने वाली बात यह है कि इस दौरान बसंत कानपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करता रहा और चार्जशीटेड होने के बावजूद कॉलेज प्रशासन चुप्पी साधे रहा। एसएसपी ने इसे भी जांच के दायरे में लेते हुए कॉलेज प्रशासन से संपर्क साधना शुरू कर दिया है।

बंसत यादव के बारे में कानपुर मेडिकल कॉलेज से और जानकारी जुटाई जा रही है। फिलहाल अभी फोन के जरिए तथ्य लिए जा रहे हैं, लेकिन जल्द ही एक टीम लखनऊ व कानपुर भी भेजी जाएगी।

डॉ। सदानंद दाते, एसएसपी, देहरादून

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