- तीन साल में तीन गुना हुआ नशे का कारोबार

- दून के स्कूल कॉलेजों के बच्चे तस्करों के सॉफ्ट टारगेट

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DEHRADUN: उड़ता पंजाब को मूवी के तौर पर हर कोई स्क्रीन पर देख रहा है। उड़ते पंजाब की हकीकत क्या है, ये अलग बात है। लेकिन, उत्तराखंड की असलियत ये है कि वो पंजाब से भी तेज उड़ रहा है। नशे के खेप के आंकड़े इस बात के सबूत हैं। उत्तराखंड में नशे के कारोबार ने पिछले कुछ समय से इस कदर अपने पांव पसारे हैं कि तीन साल में तीन गुना इजाफा हुआ है। पुलिस विभाग के आंकड़े इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। मैदानी जिलों में सबसे ज्यादा नशे का बाजार सज रहा है। हैरानी की बात यह है कि स्कूल कॉलेजो के बच्चे इसका सबसे ज्यादा शिकार हैं।

सालान ब्0 करोड़ का कारोबार

उत्तराखंड में नशा का कारोबार खूब फल फूल रहा है। एक अनुमान के अनुसार सालाना फ्0 से ब्0 करोड़ का प्रदेश में नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। दो साल पहले तक ये कारोबार क्0 से क्ब् करोड़ तक ही सिमटा था। पुलिस विभाग द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान में भी पिछले दो सालों में तीन गुना इजाफा देखने को मिला है। प्रदेश में साल ख्0क्ब् में भ् करोड़ का नशे का सामान पुलिस ने बरामद किया था। इस साल के शुरुआती चार महीनों में म् करोड़ का माल पुलिस बरामद कर चुकी है।

दून तस्करों की पहली पसंद

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून नशा तस्करों की पहली पसंद बनती जा रही है। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस द्वारा साल के पहले चार महीनों में तस्करों से बरामद किए गए म् करोड़ के माल में से दो करोड़ सिर्फ देहरादून में ही पकड़ा गया है। इसके अलावा देहरादून में स्कूल और कॉलेजों के स्टूडेंट्स नशा कारोबारियों के निशाने पर होते हैं। एडीजी राम सिंह मीणा ने बताया कि प्रदेश में तीन से चार जिलों में सबसे ज्यादा फैल रहे इस नशे के जाल को तोड़ने के लिए पुलिस की स्पेशल टीम काम कर रही है इसके साथ ही अभिभावकों और युवाओं को जगरूक करने के लिए ऑपरेशन नई जिंदगी अभियान भी चलाया जा रहा है।

पिछले तीन सालों में बरामद माल

ख्0क्ब् ख्0क्भ् ख्0क्म् अबतक

चरस क् करोड़ फ्ख् लाख क् करोड़ फ्ब् लाख फ् करोड़ क्0 लाख

स्मैक फ् करोड़ ब्8 लाख ख् करोड म्9 लाख फ् करोड़ 80 लाख

अन्य माल ख्0 लाख ख् करोड़ फ्0 लाख

औसतन कीमत भ् करोड़ म् करोड़ फ् लाख 7 करोड़ ख्0 लाख

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प्रदेश में पहले की तुलना में जरूर नशे का कारोबार बढ़ा है, लेकिन पुलिस लगातार अभियान चला रही है और सैकड़ों तस्करों को जेल भेज चुकी है। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।

राम सिंह मीणा, एडीजी एडमिन उत्तराखंड