अपग्रेड हुए 49 स्कूल-कॉलेजों में पांच साल में पद सृजित नहीं

-करीब 400 पदों का किया जाना है स्कूल-कॉलेजों में सृजन

-कैबिनेट में नहीं रखा गया प्रस्ताव, अब अगली कैबिनेट पर निगाह

DEHRADUN: उत्तराखंड चुनाव आचार संहिता की तरफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। सभी को जल्दी है कि पेंडिंग काम निपटा लिए जाएं। करीब पांच साल पहले अपग्रेड हुए ब्9 स्कूल-कॉलेजों में पद सृजित करने का मामला भी फंसा पड़ा है। कैबिनेट मीटिंग में एक बार फिर यह मामला विचार के लिए नहीं रखा जा सका। जनप्रतिनिधियों को डर सता रहा है कि यदि आचार संहिता से पहले इस मामले में कुछ नहीं हुआ, तो फिर उनके लिए क्षेत्र में चेहरा दिखाना मुश्किल हो जाएगा।

मानक भी नहीं हो पा रहे पूरे

जिन ब्9 स्कूल-कॉलेजों में पद सृजित किए जाने हैं, उनके अपग्रेडशन के आदेश पांच साल पहले हो चुके हैं। इसके अलावा, कुछ स्कूलों का अपग्रेडशन ख्0क्फ् में किया गया है। मगर दिक्कत ये है कि तमाम स्कूलों में बच्चों की संख्या अपेक्षाकृत बहुत कम है। इसके अलावा जो मानक हैं, वे भी ये स्कूल पूरा नहीं कर पा रहे हैं।

करीब ब्00 पदों के सृजन का आदेश

ब्9 स्कूल कॉलेजों में करीब ब्00 पद सृजित किए जाने हैं। पांच साल पहले अपग्रेड किए गए फ्0 स्कूल-कॉलेजों में तीन महीने पहले ही पद सृजित किए गए हैं। माध्यमिक स्तर पर भ् से 7 और इंटर कॉलेज में 8 से क्0 पद सृजित किए जाने हैं।

क्षेत्रवासियों का जनप्रतिनिधियों पर दबाव

पांच साल के बाद भी पद सृजित न होने पर संबंधित क्षेत्रों के लोगों का अपने प्रतिनिधियों पर खासा दबाव है। देहरादून के अलावा पौड़ी, हरिद्वार, चमोली, टिहरी, पिथौरागढ़ आदि जिलों से संबंधित ये स्कूल-कॉलेज हैं। जनप्रतिनिधियों की कोशिश है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले इस मामले का हल निकल आए। अगली कैबिनेट में इसके प्रस्ताव को लेकर अब जनप्रतिनिधियों ने जोर लगाना शुरू कर दिया है।

अपग्रेडेशन के मानक-तब और अब

-जिस वक्त इन स्कूल-कॉलेजों का अपग्रेडेशन किया गया, उस वक्त और अब के मानकों में तब्दीली हो चुकी है। तब माध्यमिक स्तर पर अपग्रेडेशन के लिए 8भ् बच्चे होने जरूरी थे, जबकि इंटर कॉलेज के लिए क्भ्0 बच्चों का मानक था। अब की स्थिति में पर्वतीय क्षेत्र में माध्यमिक स्तर पर भ्0 और इंटर कॉलेज स्तर पर क्00 बच्चे होने चाहिए।

-तब और अब के मानकों के कारण इन स्कूल-कॉलेजों में अभी पद सृजित नहीं हो पाए हैं। शासन स्तर पर इस मामले में कई फैसला किया जाना है। पद सृजित हो जाएंगे, तो निश्चित तौर पर इन जगहों पर बच्चों की संख्या भी बढ़ जाएगी।

-डा। आरके कुंवर, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा।