कोई चुनाव हारा, किसी का रहा चुनौती से पलायन

-क्या हरीश रावत तोडे़ंगे यह सियासी मिथक

-स्वामी, खंडूड़ी जैसे सीएम को देखनी पड़ी हार

DEHRADUN: उत्तराखंड की उम्र भले ही बहुत ज्यादा नहीं, मगर यहां सियासी मिथक कई उभरे हैं। सीएम रहने के बाद कोई अपनी अगली पारी में दोबारा इस सबसे अहम कुर्सी तक नहीं पहुंच पाया। कई अगला चुनाव हार गए, तो कइयों ने चुनाव मैदान में उतरने से ही तौबा कर लिया। कुछ ऐसे जरूर रहे, जो दोबारा सीएम तो नहीं बने, लेकिन किसी तरह से अपनी स्थिति को संभाल ले गए। इन स्थितियों के बीच, सीएम हरीश रावत फिर से चुनावी दंगल में उतर रहे हैं। अपने तीन साल के कार्यकाल में कई मामलों में उन्होंने असाधारण काम किए। क्या इस सियासी मिथक को वह भेद पाएंगे, या फिरसबकी निगाहें इस बात पर भी टिकी हैं।

0क्-स्वर्गीय नित्यानंद स्वामी

-वर्ष ख्000 में राज्य गठन के दौरान बनी अंतरिम सरकार में नित्यानंद स्वामी को सीएम बनने का मौका मिला। वह बहुत कम समय सीएम रहे। जब ख्00ख् में पहले विधानसभा चुनाव हुए, तो लक्ष्मणचौक सीट पर वह दिनेश अग्रवाल से हार गए।

0ख्-भगत सिंह कोश्यारी

-वर्ष ख्00क् में जब बीजेपी ने सीएम बदलने का निर्णय लिया, तो भगतदा का नंबर आया। ख्00ख् के चुनाव में वह विधायक तो बने, लेकिन सीएम नहीं बन पाए, क्योंकि कांग्रेस की सरकार बन गई। हालांकि वह नेता प्रतिपक्ष जरूर बने।

0फ्-एनडी तिवारी

-तजुर्बेकार नेता एनडी तिवारी वर्ष ख्00ख् में राज्य की पहली निर्वाचित सरकार के सीएम बने। भ् साल सफलतापूर्वक सरकार चलाने की उपलब्धि उन्हीं के नाम है। मगर ख्007 में जब चुनाव हुए, तो न एनडी चुनाव लडे़, न ही पार्टी की अगुवाई की।

0ब्-भुवन चंद्र खंडूड़ी

-वर्ष ख्007 में भुवन चंद्र खंडूड़ी को सीएम बनने का मौका मिला। मगर बीच में उन्हें कुछ समय के लिए हटना भी पड़ा। ख्0क्क् में फिर सीएम बने, मगर ख्0क्ख् के चुनाव में कोटद्वार सीट पर अप्रत्याशित ढंग से चुनाव हार गए।

0भ्-रमेश पोखरियाल निशंक

-वर्ष ख्009 में रमेश पोखरियाल निशंक सीएम बने, हालांकि विधानसभा चुनाव से तीन महीने पहले ख्0क्क् में उन्हें हटा दिया गया। ख्0क्ख् में डोईवाला से विधायक बने, लेकिन सरकार नहीं बन पाई, सांसद चुने जाने से पहले वह विधायक ही रहे।

0म्-विजय बहुगुणा

-रिटायर्ड जज विजय बहुगुणा वर्ष ख्0क्ख् में सीएम बने, लेकिन केदारनाथ आपदा के बाद ख्0क्फ् में उनकी विदाई हो गई। बहुगुणा ने पार्टी बदल ली है, लेकिन खुद उनके चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है। वह बेटे सौरभ को एडजस्ट कर रहे हैं।

07-हरीश रावत

-सीएम हरीश रावत कांग्रेस को दोबारा सत्ता में लाने के दावे कर रहे हैं। ख्0क्ब् में सत्ता संभालने वाले रावत की सीट क्लियर नहीं है। एक से लेकर दो सीटों पर उनके लड़ने की भी चर्चा है, तो ये भी चर्चा है कि वे चुनाव लडे़ंगे नहीं, लड़वाएंगे।