-11 में से 9 हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स में बिजली उत्पादन ठप

-खरीदकर आपूर्ति पूरी करने के दावे कर रहा ऊर्जा निगम

देहरादून:

भारी बारिश और नदियों में सिल्ट आने के चलते हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स की टर्बाइन्स थम गई हैं। अब कभी भी बिजली संकट गहरा सकता है। आई नेक्स्ट ने पहले ही इस बारे में सचेत किया था। हालत ये है कि राज्य की 11 परियोजनाओं में से 9 में बिजली उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया है, जबकि दो परियोजनाओं से भी आंशिक उत्पादन ही हो रहा है। दो अन्य परियोजनाएं काफी समय से टेक्निकल फॉल्ट के चलते बंद चल रही हैं। हालांकि, ऊर्जा निगम बिजली खरीदकर मांग पूरी करने की कोशिशों में जुटा है।

सिल्ट के कारण उत्तरकाशी में मनेरी भाली नंबर वन परियोजना 13 जुलाई से सेकेंड परियोजना 14 जुलाई से ही बंद हैं। अन्य परियोजनाओं में भी बिजली उत्पादन ठप हो गया है। कुछ परियोजनाएं 24 घंटे से तो कुछ बीते सात घंटों से बंद हैं। हालत ये है कि शनिवार दोपहर बाद तो बिजली उत्पादन घटकर सिर्फ 20 से 25 मेगावाट प्रति घंटा तक आ गया। राज्य में बिजली की मांग 1500 मेगावाट प्रतिघंटा बनी हुई है। केंद्रीय पूल से करीब 850 मेगावाट बिजली प्रतिघंटा मिल रही है, जबकि, 354 मेगावाट बिजली शुक्रवार को खरीदी गई।

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ये है बिजली उत्पादन की स्थिति

परियोजना-क्षमता-स्थिति

मनेरी भाली प्रथम -90 मेगावाट- 13 जुलाई रात 10 बजे से अभी तक बंद

मनेरी भाली द्वितीय-304 मेगावाट- 14 जुलाई की रात नौ बजे तक बंद

चीला परियोजना- 144 मेगावाट- शुक्रवार रात साढ़े आठ बजे से बंद

खटीमा- 41.40 मेगावाट- शाम सात बजे से उत्पादन ठप

छिबरो- 240 मेगावाट-शनिवार दोपहर दो बजे से बंद

खोदरी- 120 मेगावाट-शनिवार दोपहर दो बजे से बंद

ढकरानी-33.75 मेगावाट-शनिवार दोपहर दो बजे से बंद

ढालीपुर-51 मेगावाट-शनिवार दोपहर दो बजे से बंद

कुल्हाल-30 मेगावाट- शुक्रवार रात से बंद

पथरी-40 मेगावाट-करीब 17 मेगावाट प्रतिघंटा उत्पादन

मोहम्मदपुर-9.30 मेगावाट-सात मेगावाट प्रतिघंटा उत्पादन