देहरादून ब्यूरो। घास छीनने का वीडियो में मंदोदरी देवी पुलिस और सीआईएसएफ का पूरी ताकत के साथ विरोध करती नजर आ रही हैं। इस घटना के बाद एक तरफ जहां पूरा उत्तराखंड उनके समर्थन में था, वहीं जिला प्रशासन उन्हें दोषी ठहराने के प्रयास में जुटा हुआ था। उन पर कई तरह के दबाव भी बनाये गये, लेकिन उन्होंने अपना स्टैंड नहीं छोड़ा। वे पहाड़ की तरह प्रशासन के प्रयासों के सामने जुटी रही। आमतौर पर ऐसे मामलों में लोग दबाव, लालच अथवा धमकी के सामने हार मान लेते हैं और पीछे हट जाते हैं, लेकिन मंदोदरी देवी पीछे नहीं हटी।

दिखाया आइना
चमोली जिला प्रशासन जो शुरुआती दिनों में मंदोदरी देवी को दोषी ठहराने के प्रयास में जुटा हुआ था, वहीं अब उन्हें पर्यावरण संरक्षक घोषित कर रहा है। दो दिन पहले चमोली के एडीएम, जोशीमठ के एसडीएम और पटवारी मंदोदरी देवी के घर पहुंचे। मंदोदरी देवी ने उनके सामने में दृढ़ता से अपनी बात रखी। एडीएम ने जब उन्हें पूछा कि उस दिन उनके साथ क्या हुआ। तो उन्होंने जवाब दिया बेटा वही हुआ, जो तुमने वीडियो में देखा।

एमएलए को भी घेरा
बदरीनाथ क्षेत्र के कांग्रेस विधायक राजेन्द्र भंडारी वेडनसडे को मंदोदरी देवी से मिलने पहुंचे। उन्होंने विधायक को भी यह कहकर आइना दिखा दिया कि बहुत जल्दी आ गया बेटा। तुझे तो सबसे पहले मेरे साथ होना खड़ा होना चाहिए था। दरअसल इस मामले में राजेन्द्र भंडारी की भूमिका का काफी आलोचना हुई। जब मामला पीक पर था, तक तक वे पूरी तरह चुप रहे। जबकि उम्मीद की जा रही थी कि विपक्षी विधायक होने के नाते इस मामले में उनकी सक्रिय भूमिका की उम्मीद की जा रही थी। प्रियंका गांधी द्वारा वायरल वीडियो को शेयर करने के बाद चमोली के कांग्रेसी घटना के विरोध में सामने आये हैं।

मैं पूरी ताकत से खड़ी हूं
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के साथ बातचीत में मंदोदरी देवी ने कहा कि हमारे खेत-जंगल सब कुछ बिजली परियोजनाओं की भेंट चढ़ चुके हैं। हमारे पास अब अपने जीवन का सवाल है। मैं अपनी जमीन और अपने जंगल बचाने के लिए डटी हुई हैं। किसी तरह के प्रलोभन और किसी तरह की धमकी काम मुझ पर कोई असर नहीं होने वाला है।