-उत्तराखंड पर अब सुनवाई 6 मई को

-संविधान पीठ में भी जा सकता है मामला

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन और फ्लोर टेस्ट को लेकर अब अगली सुनवाई 6 अप्रैल को तय की है। बुधवार को एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उन्होंने केंद्र को सुझाव दे दिए हैं और उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक कोई निर्देश नहीं मिला है। अदालत में केंद्र ने जवाब दाखिल करके कहा है कि वह फ्लोर टेस्ट पर गंभीरता से विचार कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि एटॉर्नी जनरल सुझाव पर केंद्र के रुख के बारे में अवगत नहीं कराते तो भी सुनवाई छह मई को ही शुरू होगी।

संविधान पीठ में जाएगा मामला?

कोर्ट ने यह भी कहा कि हम 6 मई को इस मामले को संविधान पीठ के पास भेजने पर भी विचार कर सकते हैं। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्यों न अदालत की निगरानी में उत्तराखंड में फ्लोर टेस्ट कराया जाए। इस पर विचार के लिए कोर्ट ने केंद्र को 24 घंटे का समय देकर जवाब दाखिल करने को कहा था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रामेश्वर जजमेंट का हवाला भी दिया। इधर, निवर्तमान सीएम हरीश रावत के वकील ने कहा कि यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट के सुझाव स्वीकार करती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

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बागियों पर सुनवाई आज से

देहरादून

नैनीताल हाईकोर्ट में आज से कांग्रेस के 9 बागी विधायकों पर भी सुनवाई हो सकती है। बागी विधायकों की सदस्यता पर सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने 9 मई की तारीख मुकर्रर की थी, लेकिन बागियों की तरफ से विधायक उमेश शर्मा काउ ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर जल्द सुनवाई की मांग की थी। काउ ने अपील की थी कि उन पर फैसला जल्द सुनाया जाए क्योंकि मामला लंबित होने से सभी बागियों की साख खराब हो रही है और उन्हें उनके विधानसभा क्षेत्रों में बदनाम किया जा रहा है। इस पर अदालत 5 मई से उनके मामले में सुनवाई के लिए राजी हो गई थी।