- एक हजार रुपये लेने का कलाकारों ने किया बहिष्कार

- अब मानवाधिकार आयोग जाने की तैयारी

- जल्द की कोर्ट की शरण में पहुंचेंगे लोक कलाकार

- राज्य के छह हजार कलाकारों को मिलनी थी ये मदद

देहरादून

लोक कलाकारों ने सरकार की ओर से दी जाने वाली एक हजार रुपये की आर्थिक मदद का बहिष्कार किया है। कलाकारों का कहना है कि ये उनके साथ मजाक है और इससे उनके सम्मान को ठेस पहुंची है। कहा कि वे इस मसले को लेकर मानवाधिकार आयोग और कोर्ट की शरण लेंगे। कलाकारों का कहना है कि एक हजार रुपये से न तो उनकी रोजी चल पाएगी, न बच्चों की स्कूल फीस। जिले में करीब 6 हजार लोक कलाकार विरोध में एकजुट हो गए हैं।

लोक कलाकारों ने मांगी थी मदद

लोक कलाकारों ने कोरोना संकट के लिए सरकार से मदद मांगी थी। इसके लिए संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज से वार्ता हुई थी। लॉकडाउन के शुरुआत में ही मंत्री ने कलाकारों के साथ ऑनलाइन मी¨टग की थी। जिसमें कलाकारों ने सुझाव दिए थे कि या तो आíथक सहायता के रूप में उन्हें एक छोटा पैकेज दिया जाए या फिर एक ऐसा एप या यू-ट्यूब चैनल डेवलप किया जाए जिसमें कलाकार अपने पर्याप्त साधन के हिसाब से वीडियो बनाकर डालें और उसके एवज में उनको पारितोषिक दिया जाए। लेकिन कलाकारों के इन दोनों ही सुझावों पर ध्यान नहीं दिया गया।

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नहीं किया सम्मान

कलाकारों के सम्मान का ध्यान नहीं रखने की बात को लेकर अब लोक कलाकार मानवाधिकार आयोग की शरण में जाएंगें। कलाकारों को उम्मीद नहीं थी कि इतनी कम धनराशि से उन्हें इस मुश्किल दौर का सामना करने को कहा जाएगा। बताया कि संस्कृति विभाग से फोन आया था कि डीएम के माध्यम से उन्हें ये धनराशि दी जाएगी। ऐसे में वे डीएम के पास गए और इस राशि का बहिष्कार किया। डीएम की ओर से सीएम तक बात पहुंचाने का आश्वासन भी दिया गया है।

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कलाकारों की जुबानी

कलाकारों को आíथक मदद देने के नाम पर उनसे दस्तावेज लिए गए। जैसे-तैसे करके दल के मुखिया ने ग्रामीण क्षेत्रों से सभी के दस्तावेजों को एकत्रित किया। उनकी मेहनत जितनी सहायता तो देते।

- गिरीश सनवाल, लोक कलाकार

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मामले को लेकर जल्द ही मानवाधिकार आयोग जा रहे हैं। ये कलाकारों का अपमान है। इसके बाद हाईकोर्ट जाएंगें। जिसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। ये अपमान कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

- प्रेम पंचोली, लोक कलाकार

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एक कलाकार कितनी मेहनत से अपने राज्य की कला-संस्कृति को पहचान दिलाता है और उसका मुश्किल समय आया तो मात्र एक हजार रुपये दिए जो कि बर्दाश्त से बाहर है।

- सुषमा व्यास, लोक कलाकार

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अपने राज्य की संस्कृति को ¨जदा रखने के लिए हम मेहनत करते हैं। साथ ही सरकार से भी उम्मीद करते हैं कि मुश्किल समय में हमारे घर-परिवार के बारे में सोचा जाए। ये कैसी मदद है।

- गीता उनियाल, लोक कलाकार

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मुख्यमंत्री सहायता कोष से डीएम के माध्यम से ये राशि कलाकारों को दी जानी है। इनकी सूचना डीएम कार्यालय को भेज दी है। संबंधित जिला प्रशासन से मदद दी जानी है। विभाग में रजिस्टर्ड राज्य के छह हजार कलाकारों को ये आíथक सहायता एक बार ही दी जाएगी।

- बीना भट्ट, डायरेक्टर, संस्कृति विभाग