-श्रीनगर समेत कई जिलो से आए पेशेंट बैरंग लौटे वापस

-डॉक्टर और हॉस्पिटल में पेशेंट कर रहे कॉल

देहरादून। सरकार व फोर्टिस के बीच करार खत्म होने का खामियाजा इन दिनों कोरोनेशन हॉस्पिटल में पहुंचने वाले हार्ट पेशेंट्स को भुगतना पड़ रहा है। यहां रोजाना की तरह ओपीडी में रुटीन चेकअप के लिए चकराता व सहारनपुर से पहुंचे पेशेंट्स को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ा। इस बीच फोर्टिस के स्टाफ ने बेरोजगार होने का गुस्सा भी कोरोनेशन हॉस्पिटल के सीएमएस पर उतारा। उन्होंने घंटों हॉस्पिटल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर वहीं धरना दिया। उन्होंने प्रशासन से बिना नोटिस अचानक नौकरी से हटाए जाने पर जवाब मांगा।

यह है मामला

सरकार व फोर्टिस का 8 मार्च 2011 को 10 साल का करार हुआ था। इसके बाद से यहां प्रदेश समेत दूर-दूर से लोग इलाज के लिए पहुंचते थे। हार्ट के लिए अधिकतर पेशेंट हॉस्पिटल पर डिपेंड थे। लगभग 600 से ज्यादा पेशेंट यहां डॉक्टर के पास लगातार रुटीन चेकअप के लिए आते थे। जबकि 100-120 पेशेंट की रोजाना की ओपीडी यहां संचालित होती थी।

150 लोगों का था स्टाफ

फोर्टिस में 150 लोगों का स्टाफ काम करता था। अचानक करार खत्म होने के बाद अब यहां काम करने वाले डॉक्टर, नर्स, असिटेंट नर्स, आया व वार्ड बॉय समेत सफाई कर्मचारी सड़क पर आ गए। बेरोजगार होने पर गुस्साए लोगों को कोरोनेशन हॉस्पिटल के सीएमएस का घेराव कर विरोध भी जताया। नाराज कर्मचारी वहीं धरने पर बैठ गए। फोर्टिस के स्टाफ का कहना था कि हम यहां बीते 10 साल से काम कर रहे हैं। अब अचानक नौकरी के चले जाने से अब वह कहां जाएंगे।

हॉस्पिटल खाली, लगा ताला

करार खत्म होने के बाद यहां भर्ती पेशेंट्स को हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने डिस्चार्ज कर दिया। इसके साथ ही यहां काम करने वाले वर्कर्स को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। स्टाफ के अनुसार फोर्टिस का की योजना है कि वह स्टाफ को नोएडा ब्रांच से अटैच कर सकते हैं।

तीन दिन से बेटी कृष्णा के इलाज के लिए परेशान घुम रही हूं। मेरी 13 साल की बेटी कृष्णा के हार्ट में छेद है। उत्तरकाशी से प्यारी देवी यहां इलाज कराने के लिए पहुंची लेकिन हॉस्पिटल और प्रबंधन के खींचतान के बीच इनकी बेटी के इलाज का संकट पैदा हो गया है।

प्यारी देवी, तीमारदार निवासी उत्तरकाशी

हम श्रीनगर से 3 माह की बच्ची को लेकर पहुंचे है। यहां आकर पता चला कि हॉस्पिटल बंद हो गया है। 350 किलोमीटर दूरी तय करने के बाद भी इलाज नहीं मिला। अब हम क्या करें या न करें कुछ समझ नहीं आ रहा है। हमारी 3 माह की बच्ची के दिल में छेद है।

उर्मिला, तीमारदार निवासी श्रीनगर

हम यहां चकराता से आए हैं। यहां मेरी पत्नी फन्नो देवी का रुटीन चेकअप होना था। पहले पता ही नहीं चला, सेंकेड फ्लोर तक चढ़ने के बाद पता चला कि हॉस्पिटल बंद हो गया है।

मेख सिंह चौहान, तीमारदार निवासी चकराता

मैं सिंगल मदर हूं। बीते 10 साल से यहां काम करती हूं। परिवार का खर्च भी यहां पर डिपेंड था। अब जब हॉस्पिटल बंद हो गया है तो अब हम कहां जाएंगे। सोमवार सुबह यहां आकर पता चला कि हमारी नौकरी चली गई है।

हिना क्षेत्री, पूर्व स्टाफ फोर्टिस

हम इस विषय में कुछ भी नहीं कर सकते। हमारी ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इस विषय में केवल शासन का निर्णय होगा।

मनोज उप्रेती, सीएमएस, कोरोनेशन हॉस्पिटल

समर्थन के लिए पहुंचे पूर्व विधायक

नौकरी जाने से परेशान फोर्टिस के स्टाफ को समर्थन देने के लिए पूर्व विधायक राजकुमार भी हॉस्पिटल में पहुंचे। उन्होंने सभी स्टाफ को आश्वस्त किया कि उनकी मांग को लेकर एक पत्र सचिव व डीजी हेल्थ को भेजा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही कोई पॉजिटिव रिजल्ट मिलेगा।