आई-स्पेशल

दावेदारों से नहीं वसूली जा रही फीस, 50 लाख तक जमा होना है फंड।

-5000 रुपए दावेदारी की फीस अदा करनी है कांग्रेस के हर दावेदार को

-बैंकों में भीड़ के कारण नहीं बना पा रहे दावेदार बैंक ड्राफ्ट, चेक मंजूर नहीं

DEHRADUN: नोटबंदी के फैसले को मिल रहे समर्थन पर कांग्रेस पहले ही परेशान है। उस पर उत्तराखंड कांग्रेस के फंडिंग मैनेजमेंट पर भी यह निर्णय भारी पड़ रहा है। विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदारों के लिए पहली बार फीस की व्यवस्था करके पार्टी फंड जुटाने निकली है, लेकिन नोटबंदी का असर उस पर यहां भी पड़ रहा है।

दावेदार को देनी है भ्000 की फीस

कांग्रेस में इन दिनों टिकट के लिए आवेदन करने का सिलसिला भी जारी है। पार्टी ने पहली बार दावेदारों से फीस वसूलने का निर्णय लिया है। हर दावेदार को भ्000 का ड्राफ्ट देने के लिए कहा गया है। चेक स्वीकार नहीं करने का कांग्रेस ने पहले से फैसला किया हुआ है। इन स्थितियों के बीच, नोटबंदी के कारण बैंकों में जो भीड़ उमड़ी है, उसमें दावेदार ड्राफ्ट नहीं बनवा पा रहे हैं।

हजार तक पहुंच सकते हैं दावेदार

कांग्रेस के टिकट के लिए आवेदन लगातार आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, अभी तक 800 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया है। पार्टी का मानना है कि यह संख्या क्000 तक पहुंच सकती है। पार्टी ने आवेदन प्रक्रिया पहले शुरू कर दी थी, जबकि फीस वाली शर्त बाद में जोड़ी गई है। यदि क्000 आवेदन आते हैं, तो सीधे-सीधे भ्0 लाख रुपए पार्टी फंड में जमा हो जाएगा।

बढ़ सकती है फीस जमा करने की डेट

कांग्रेस ने टिकट के दावेदारों से कहा था कि कि वे दावेदारी की फीस ख्0 नवंबर तक जमा कर दें, लेकिन अब नेतृत्व यह मानने लगा है कि नोटबंदी के कारण उपजे माहौल में फीस इस तारीख तक आनी संभव नहीं है। इसलिए इसकी डेट बढ़ाए जाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि कांग्रेस अपनी संगठनात्मक गतिविधियों और विधानसभा सत्र में फंसी हुई है, ऐसे में देखना ये ही है कि कब तक फैसला किया जाता है।

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ज्यादातर दावेदार अभी तक फीस का ड्राफ्ट नहीं दे पाए हैं। चेक स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। नोटबंदी के कारण बैंकों में जो लाइनें लगी है, उसकी वजह से तमाम लोग ड्राफ्ट जमा नहीं कर पाए हैं। ऐसे में विचार किया जा रहा है कि डेट बढ़ा दी जाए। हालांकि इस पर अभी फैसला नहीं हो पाया है।

-जोत सिंह बिष्ट, प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस।