-गैरसैंण के प्लेटफॉर्म से चुनाव के लिए ठोस संदेश देने की कोशिश
-असल सवाल पर सबकी नजरें, गैरसैंण पर होगा क्या?
देहरादून: भराड़ीसैंण-गैरसैंण में विधानसभा के आखिरी सत्र के पहले दिन बहुत सारी बातें वैसी ही हुई, जैसी अमूमन होती रहती हैं। मसलन, हंगामा, हो-हल्ला, बहिष्कार, पक्ष-विपक्ष द्वारा एक-दूसरे की मंशा पर सवाल, सदन में अव्यवस्था आदि। मगर जिस एक सवाल पर पूरे उत्तराखंड की नजरें अटकी हुई हैं उसका जवाब मिलना अब भी बाकी है। सवाल ये ही है कि क्या राजनीति के चाणक्य हरीश रावत गैरसैंण की जमीन पर सबसे बड़ी चुनावी चाल चलेंगे। गैरसैंण राजधानी के सवाल पर ऐसा कौन सा सटीक जवाब होगा जो गैरसैंण को लेकर हरीश रावत की अब तक की पूरी एक्सरसाइज का कांग्रेस को लाभ दिला पाएगा। ग्रीष्मकालीन राजधानी या फिर कुछ और।
पक्ष-विपक्ष में शह-मात का खेल
गैरसैंण राजधानी के सवाल पर पक्ष और विपक्ष के बीच शह-मात का खेल चल रहा है। हरीश रावत पर अब और समय नहीं है, जबकि वह गैरसैंण राजधानी के सवाल को टाल सकें। गैरसैंण में आखिरी सत्र सरकार ने रखा है तो जाहिर तौर पर वह गैरसैंण से ठोस संदेश देने की मंशा रखती है। उसे ये भी भान है कि जरा सी चूक उसके सारे खेल को बिगाड़ सकती है। दूसरी तरफ, गुरुवार को जिस तरह से बीजेपी ने सदन में गैरसैंण पर कड़ा रुख रखा उसके निहितार्थ भी साफ है। गैरसैंण को यदि कुछ नसीब होता है तो बीजेपी यह क्रेडिट जरूर लेगी कि सब कुछ उसके दबाव के चलते ही हुआ। यदि कुछ नहीं मिलता तो फिर चुनाव में सरकार की घेराबंदी आसानी से वो कर पाएगी।
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बीजेपी ने किया बहिष्कार
सत्र के पहले दिन बीजेपी के कार्य बहिष्कार का सरकार ने अपने हिसाब से फायदा उठाया है। इस दौरान सरकार अनुपूरक बजट को पास कराने से लेकर संकल्प पारित कराने तक में सफल रही है। ट्रेजरी बेंच की ये ही रणनीति सत्र के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को भी रह सकती है। यानी हो-हल्ले और हंगामे की परवाह किए बगैर सारे कामकाज जल्द से जल्द निबटाना।
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अनुपूरक बजट: इसके लिए मिला पैसा
-जागर महाविद्यालय की स्थापना
-नरियाल गांव में बद्री नस्ल की गायों के संरक्षण की योजना
-एनसीसी अकादमी की स्थापना
-उत्तराखंड के गांधी इंद्रमणी बडोनी के जन्मोत्सव पर लोक संस्कृति दिवस के आयोजन को धन का बंदोबस्त
-पिथौरागढ़-कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज की स्थापना
-हल्द्वानी स्टेडियम के लिए अतिरिक्त धन, आईएसबीटी की स्थापना
-इंदिरा अम्मा भोजनालय व ऊन विपणन प्रोत्साहन को धन की व्यवस्था
अनुपूरक बजट: एक नजर
1507.87
करोड़ का अनुपूरक बजट गैरसैंण सत्र के पहले दिन पारित किया गया।
1105.07
करोड़ का बजट प्लान और 402.80 करोड़ का बजट नान प्लान मद में है।
201
करोड़ का बजट कल्याण योजनाओं की मद में विभागों को दिया गया है।
केंद्र के पाले में राज्य के दो संकल्प
1-नोटबंदी के कारण उपजी स्थिति को सुधारने के लिए उठाएं ठोस कदम।
2-पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को दिया जाए भारत रत्न।
वर्जन---
-गैरसैंण राजधानी मसले को बीजेपी ने शुरू से उलझाने का प्रयास किया है। हम चाहते हैं कि भराड़ीसैण-गैरसैंणमें विधान भवन जिस ऊंचाई में बना है, दस सालों में यह क्षेत्र भी तरक्की की ऐसी ही ऊंचाईयों को छूए।
-हरीश रावत, सीएम, उत्तराखंड।
-सरकार शुरू से इस मसले पर रूख साफ करने से बच रही है। आप गैरसैंण को राजधानी का प्रस्ताव तो लेकर आओ, हम समर्थन के लिए तैयार हैं। मगर सरकार गैरसैंण को राजधानी बनाना ही नहीं चाहती।
-अजय भट्ट, नेता प्रतिपक्ष।
-मुझे लगता है कि सीएम हरीश रावत गैरसैंण पर जो भी मास्टर स्ट्रोक मारेंगे, उसके लिए टाइमिंग उनकी अपनी होगी। विपक्ष ने जो रणनीति अपनाई है, उसमें वह कतई नहीं चाहेंगे कि वह कुछ ऐलान करें और विपक्ष को इसका क्रेडिट मिल जाए।
-सुशील कुमार सिंह, राजनीतिक विश्लेषक।