कांग्रेस और बीजेपी का इम्तिहान, दोनों पर अलग-अलग तरह के दबाव

-चुनाव से पहले आखिरी सत्र में दोनों दलों के बीच घमासान तय

-गैरसैंण राजधानी पर स्पष्ट नजरिया ही दिलाएगा सियासी लाभ

DEHRADUN: पर्वतीय जनभावनाओं के केंद्र गैरसैंण को लेकर आखिरी विधानसभा सत्र में घमासान चरम पर रहना तयशुदा मानिए। इस स्थिति में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों अलग-अलग तरह के दबाव, असमंजस से गुजर रहे हैं। कांग्रेस पर दबाव ये है कि यदि उसे गैरसैंण पर सियासी लाभ चाहिए, तो उसे राजधानी के सवाल पर बहुत स्पष्ट नजरिया सामने रखना होगा। शुरू में गैरसैंण राजधानी के सवाल से बचने वाली बीजेपी अब उसके पक्ष में खड़ी हो रही है। उसकी वास्तविक स्थिति का भी सत्र में टेस्ट हो सकता है। बहरहाल, उसने गैरसैंण सत्र में भागीदारी के सवाल पर यू-टर्न ले लिया है।

सर्वदलीय बैठक में शामिल हुई बीजेपी

बीजेपी ने कुछ महीनों पहले ऐलान किया था, कि वह स्पीकर की कुर्सी पर गोविंद सिंह कुंजवाल की मौजूदगी रहने तक सत्र में भाग नहीं लेगी। मगर अब बीजेपी पलट गई है। पार्टी ने शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में भाग लिया। हालांकि सीएम हरीश रावत इसमें नहीं आ पाए। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने सफाई दी कि राज्य हित में पार्टी ने अपना इरादा बदला है।

बहुगुणा ने घेरा, स्पीकर ने सराहा

गैरसैंण में सबसे पहले कैबिनेट की मीटिंग करने वाले पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने आज गैरसैंण मसले पर सीएम हरीश रावत की घेराबंदी की। उन्होंने कहा कि आज गैरसैंण पर राजनीति की जा रही है। जब कैबिनेट और विधान भवन का भूमि पूजन उनकी सरकार ने कराया था, तब बुलाने के बावजूद हरीश रावत नहीं आए थे। दूसरी तरफ, स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि गैरसैंण पर हरीश रावत सरकार ने अच्छा काम किया ही है, पूर्ववर्ती विजय बहुगुणा सरकार के प्रयास भी सराहनीय रहे।

बीजेपी विधानमंडल दल बैठक क्म् को

बीजेपी ने अपने विधानमंडल दल की बैठक क्म् नवंबर को गैरसैंण में करने का निर्णय लिया है। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि अपराह्न फ् बजे यह बैठक बुलाई गई है।

गैरसैण पर किसने क्या कहा

गैरसैंण राजधानी के सवाल पर कुछ भी जवाब सरकार को देना है। मैं व्यक्तिगत तौर पर गैरसैंण राजधानी का समर्थक हूं। वहां जिस तरह का काम हुआ है, वह एक राजधानी को ध्यान में रखते हुए किया गया है। एक दिन गैरसैंण राजधानी जरूर होगी।

-गोविंद सिंह कुंजवाल, स्पीकर।

-यह एक राजनीतिक सत्र से ज्यादा कुछ नहीं है। सरकार के पास कोई बिजनेस नहीं है। सिर्फ चुनाव से पहले राजनीतिक चमकाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। हम सरकार से जवाब लेना चाहेंगे, इसलिए राज्य हित में सत्र में शामिल होंगे।

-अजय भट्ट, नेता प्रतिपक्ष।

-सत्र शुरू होने से एक दिन पहले हम कार्य मंत्रणा समिति की मीटिंग गैरसैंण में करेंगे। अभी कोई विधेयक नहीं आया हैं, लेकिन 7-8 विधेयक आने हैं। यह कहना गलत है कि हमारे पास कोई काम नहीं है। हम गैरसैंण के विकास पर गंभीर हैं।

-डा इंदिरा ह्दयेश, संसदीय कार्य मंत्री।