- कौलागढ़ निवासियों को सेंटर के शिफ्ट होने का सता रहा है अब डर

देहरादून (ब्यूरो): वर्ष 2017 तक यह स्वास्थ्य केंद्र वार्ड के पंचायत घर से संचालित हो रहा था। इस बीच इसी वर्ष नगर निगम ने पंचायत घर के जिर्णोद्धार के नाम पर केंद्र को खाली करा दिया गया। अब पंचायत घर का जीर्णोद्धार पूरा भी हो चुका है। लेकिन, निगम की ओर पंचायत घर में स्वास्थ केंद्र के लिए जगह नहीं मिल पाई है। ऐसे में केंद्र पेड़ के नीचे संचालित हो रहा है।

नौनिहालों की किसी को परवाह नहीं
स्थानीय लोगों के मुताबिक स्वास्थ्य उप केंद्र से कौलागढ़ वार्ड के हजारों लोगों को इसका लाभ मिल पाता है। नौनिहालों के साथ महिलाओं का वैक्सीनेशन किया जाता है। लेकिन, नगर निगम को इसकी कोई परवाह नहीं। धूप हो या बारिश, पेड़ के नीचे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी सेंटर चलाने को मजबूर हैं। इस बावत कई बार विभाग को भी जानकारी दी जा चुकी है। लेकिन, इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। स्थानीय पार्षद व मेयर तक को पंचायत घर में स्वास्थ्य उप केंद्र के लिए जगह दिए जाने के लिए स्थानीय लोगों ने आग्रह भी किया। इसका भी असर नहीं दिखा। स्थानीय लोगों को डर है कि जगह न मिलने के कारण सेंटर कहीं दूसरे स्थान पर शिफ्ट न हो जाए। इस वजह से कौलागढ़ निवासियों की परेशानी बढ़ जाएगी।

गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी स्व। नरेंद्र के पुत्र स्व।मनोहर लाल डंगवाल ने ग्रामीणों की परेशानी देख पंचायत घर बनाने के लिए अपनी भूमि दान में दी थी। जिसका लाभ लोगों को मिलते रहा है। स्वास्थ्य उप केंद्र व आंगनबाड़ी केंद्र भी खुले। लेकिन, अब निगम की वजह से सेंटर पेड़ के नीचे संचालित हो रहा है।
विनोद जोशी, सोशल एक्टिविस्ट

मुझे आज भी याद है। स्वतंत्रता सेनानी स्व।एनडी डंगवाल के पुत्र पूर्व प्रधान प्रधान स्व। मनोहर लाल डंगवाल ने गांव की समस्या को देखते हुए पंचायत घर बनाने के लिए भूमि दान दी थी। लेकिन, अब ये देख दुख हो रहा है। भूमि दान करने वालों की भावनाओं को भी नजरअंदाज कर दिया गया।
बीआर राणा, कौलागढ़ निवासी

स्वास्थ्य उप केंद्र के लिए पंचायत घर में स्थान न मिलना जनता के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है। जबकि, चुनाव के समय में प्रतिनिधि बड़े-बड़े वादे कर देते हैं। इसी कारण करीब 50 वर्षों से संचालित उप केंद्र पेड़ के नीचे संचालित होने को मजबूर है।
हरीश पांडे, कौलागढ़ निवासी

ग्राम पंचायत के समय में ग्राम पंचायतों की बैठकें व गांव के सभी कार्यक्रम पंचायत घर में हुआ करते थे। स्वास्थ्य उप केंद्र व आंगनबाड़ी केंद्र की शुरुआत भी पंचायत घर में हुई। लेकिन, अब स्थानीय पार्षद व निगम प्रशासन का उदासीन रवैया से लोग परेशान हैं।
यशपाल धवन, निवासी कौलागढ़
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