आई-स्पेशल

- घायल की मदद करने वाले से किसी भी तरह की पूछताछ नहीं करेगी पुलिस

- केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में जारी की अधिसूचना

- दुर्घटना में घायलों की मदद करने वालों के लिए इनाम देने की व्यवस्था करने के दिए हैं स्टेट गर्वनमेंट को आदेश

देहरादून। सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की मदद करने पर अब आपको पुलिस की तरफ से परेशानी नहीं बल्कि शाबाशी मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्देश मिलने पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर ऐसे लोगों को परेशान करने की बजाय उन्हें इनाम दिए जाने की व्यवस्था बनाई है।

बढ़ रहा सड़क हादसों का ग्राफ

तेज रफ्तार भरी जिंदगी में सड़क हादसों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ा है। अकेले स्टेट की राजधानी दून में ही हर हर दूसरे दिन एक सड़क हादसा होता है। जिसमें औसतन एक आदमी की मौत होती है, जबकि तीन लोग घायल होते हैं। इन लोगों को समय पर उपचार मिल जाए तो यह आंकड़ा घट सकता है, लेकिन पुलिस और तमाम तरह के कानूनी पचड़ों से बचने के लिए लोग घायलों की मदद को आगे नहीं आते। नतीजा समय पर उपचार न मिल पाने के कारण घायल दम तोड़ देते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते हादसों में मदद करने के लिए लोगों की उदासीनता का संज्ञान लिया था और निर्देश दिए थे कि केंद्र सरकार मदद करने वालों को कानूनी पचड़ों से बचाने के लिए उचित कानून बनाए। इस निर्देश पर संसद से कानून बनने तक केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कानूनी अधिसूचना के जरिए फौरी राहत देने की कोशिश की है। 13 मई, 2015 को जारी किए गए इस अधिसूचना के गजट में साफ है कि सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति की किसी भी तरह से मदद करने वाले को पूछताछ आदि कर परेशान नहीं किया जा सकता।

स्टेट गवर्नमेंट को देना होगा इनाम

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना में साफ है कि घायलों की मदद करने वाले नागारिकों को प्रोत्साहन स्वरुप पुरस्कार दिया जाए। इसके लिए हर स्टेट की गवर्नमेंट को पुरस्कार राशि की घोषणा करनी होगी, जिससे अधिक से अधिक लोग घायलों की मदद के लिए प्रेरित हो सकें और सड़क दुर्घटना में मरने वाले लोगों की संख्या में भी कमी आए।

ऑफिशियल कमेंट::::

'सड़क परविहन और राजमार्ग मंत्रालय की इस अधिसूचना से लोगों में घायलों की मदद करने को लेकर बना हुआ भय समाप्त होगा। जिसका फायदा घायल को समय पर उपचार मिलने से उसकी जान बचने पर हो पाएगा.'

प्रदीप राय, एसपी ट्रैफिक, देहरादून

-------------------

ये व्यवस्था है अधिसूचना में

- सड़क दुर्घटना में प्रत्यक्षदर्शी अथवा कोई भी अन्य आदमी घायल व्यक्ति को निकटतम अस्पताल पहुंचाता है तो उसे किसी भी तरह से रोका नहीं जाएगा।

- घायल व्यक्ति की मदद करने वाले व्यक्ति से पुलिस या अन्य कोई आदमी किसी भी तरह की पूछताछ नहीं कर सकता।

- यदि जरूरी है तो घायल व्यक्ति की मदद करने वाले का केवल नाम और एड्रेस पूछकर उसे जाने दिया जाएगा

-सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने वाले नागरिक किसी भी आपराधिक दायित्व के लिए उत्तरदायी नहीं होगा

- यदि कोई घायल व्यक्ति की मदद के लिए पुलिस अथवा आपातकालीन सेवा को फोन करता है तो उस व्यक्ति को नाम बताने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।

- फोन पर सूचना देने वाले को किसी भी तरह से व्यक्ति तौर पर उपस्थित होकर व्यक्ति जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा

- हर स्टेट गवर्नमेंट सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने वालों के लिए एक इनाम की व्यवस्था करें।

बॉक्स::::

हर साल होते हैं सैकड़ों हादसे:::

वर्ष हादसे मौत घायल

2013 163 138 274

2014 142 146 265

2015 49 50 106

(नोट:- आंकड़े पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार सिर्फ देहरादून जिले में मई-2015 तक के हैं)