- स्कूलों की बदहाली का लिया हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान

- आदेशों के अनुपालन के लिए शिक्षा सचिव होंगे जिम्मेदार

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NAINITAL: राज्य के सरकारी स्कूलों की बदहाली का हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिए हैं कि हर स्कूल को साल में सर्व शिक्षा अभियान के तहत ख्0 हजार रुपए दिए जाएं साथ ही हर बच्चे को साल में दो बार यूनीफार्म भी उपलब्ध कराई जाए।

बीपीएल बच्चों को दें वजीफा

हाई कोर्ट ने एससी-एसटी के साथ ही बीपीएल बच्चों को वजीफा देने के आदेश भी दिए हैं। यह भी साफ किया है कि आदेशों के अनुपालन के लिए शिक्षा सचिव व्यक्तिगत तौर पर उत्तरदायी होंगे। राज्य में सरकारी शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह से लड़खड़ाई हुई है। इस कारण छात्रों की संख्या भी सरकारी स्कूलों में गिरती जा रही है। देहरादून निवासी दीपक राणा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उसका कहना था कि उसका अकारण तबादला कर दिया गया। लिहाजा इस पर रोक लगाई जाए। बताया जाता है कि याचिकाकर्ता के द्वारा कोर्ट को विद्यालयों की बदहली भी बयां की गई। जिस पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज कर लिया। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने मामले में दिशा-निर्देश जारी किए।

यह दिए कोर्ट ने आदेश

- सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तीन माह के भीतर डेस्क, ब्लैक बोर्ड, चौक, डस्टर के साथ ही कंप्यूटर, लाइब्रेरी, लैबोरेट्री उपलब्ध कराए जाएं।

- छात्र-छात्राओं के लिए हाइजीनिक टॉयलेट बनाए जाएं।

- हायर सेकेंड्री स्कूल्स के छात्रों को भी मिड डे मील का लाभ दिया जाए।

- स्कूल के कक्षा-कक्षों में हवा की निकासी का पर्याप्त इंतजाम किए जाएं।

- छात्रों के पीने के पानी के लिए वाटर प्यूरिफायर का इंतजाम किया जाए।

- शीतकाल में अवकाश वाले स्कूलों के बच्चों को ठंड से बचाने के लिए हीटर का इंतजाम कराया जाए।

- ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले स्कूलों में सीलिंग फैन मुहैया कराने के साथ ही सभी विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बनी नियमावली का कड़ाई से किया जाए।