आई शॉकिंग

-डराने वाले हैं एनसीआरबी के आंकड़े

- नेपाल से उत्तराखंड के रास्ते होती है सबसे ज्यादा मानव तस्करी

priyank.mohan@inext.co.in

वैसे तो देवभूमि उत्तराखंड को अपराधों के मामले में पीछे माना जाता है लेकिन हाल में ही जारी गृह मंत्रालय के नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ है वो चौंकाने वाला है। एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो उत्तराखंड में लगातार मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) के मामलों में इजाफा होता जा रहा है। चौंकाने वाली बात ये है कि मानव तस्करी के मामलों में देश के सभी पर्वतीय राज्यों में उत्तराखंड टॉप पर है। इसके बावजूद उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि राज्य में एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग सेल बेहतर काम कर रही है, इसलिए ज्यादा मामलों का भंडाफोड़ भी हो रहा है।

बाकी राज्यों से 8 गुना इजाफा

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड में मानव तस्करी के मामलों में कुछ पिछले कुछ समय की तुलाना में इजाफा हुआ है। यह उत्तराखंड के सीमावर्ती राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल हिमांचल, जे एंड के, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल की तुलना में उत्तराखंड में मानव तस्करी करीब चार से 8 गुनी तक बढ़ी है। बताते चलें कि उत्तराखंड में जहां ख्0क्भ् में मानव तस्करी के कुल ख्7 मामले सामने आए हैं जो जिनमें फ्8 पीडि़त शामिल थे। वहीं इससे भी एक साल पहले ख्0क्ब् में कुल ख्ब् मामले सामने आए थे जिनमें ख्9 पीडि़त शामिल थे।

ट्रांजिट कैंप बना उत्तराखंड

मानव तस्करी के लिए उत्तराखंड एक ट्रांजिट कैंप बन गया है। इस बात को पुलिस के अधिकारी भी मान रहे हैं। आईजी लॉ एंड ऑर्डर दीपम सेठ ने बताया कि उत्तराखंड में जितने भी मानव तस्करी से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं उनमें से सभी पीडि़त नेपाल की होती हैं। उत्तराखंड को मानव तस्कर एक ट्रांजिट कैंप के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कि नेपाल से लड़कियों को लेकर दिल्ली, गोवा, समेत अलग-अलग इलाकों में सप्लाई करते है। इसके लिए उत्तराखंड पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल की म् से ज्यादा टीमें हरिद्वार, कोटद्वार, हल्द्वानी, बनबसा, देहरादून में तैनात की गई हैं।

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वर्जन

नेपाल से उत्तराखंड के रास्ते मानव तस्करी के जो भी मामले होते हैं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल उसे तुरंत ट्रैक कर कार्रवाई करती है। लगातार कार्रवाई का ही नतीजा है कि ऐसे मामलों का ज्यादा खुलासा हो रहा है।

दीपम सेठ, आईजी लॉ एंड ऑर्डर