- ट्यूजडे को सीएम की मौजूदगी में राज्य वन्य जीव बोर्ड की 14वीं बैठक में लिए गए कई फैसले

- हिमाचल की तर्ज पर बंदरों को पीड़क घोषित करने के लिए केंद्र को भेजा जाएगा प्रपोजल

>DEHRADUN: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में प्रैक्टिकल के तौर पर गैंडे का रि-इन्ट्रोडक्शन किया जाए। ह्यूमन वाइल्ड लाइफ कॉन्फि्लिक्ट से प्रभावित विलेजेज में वॉलंटरी विलेज प्रोटेक्शन फोर्स की स्थापना जल्द की जाए। कॉर्बेट व राजाजी पार्क में टाइगर व हाथी की मैक्सीमम कैपिसिटी की स्टडी की जाए। इसके अलावा हिमाचल की तर्ज पर बंदरों को पीड़क घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को प्रपोजल भेजा जाएगा।

प्रैक्टिकल के तौर पर कॉर्बेट में गैंडे आएंगे

ट्यूजडे को मोस्ट अवेटेड राज्य वन्य जीव बोर्ड की 14वीं बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की। सीएम ने कहा कि गंगोत्री नेशनल उद्यान में गरतांग गली ट्रेल में मार्ग निर्माण उसके प्राचीन स्वरूप को बनाए रखते हुए किया जाए। प्रदेश में संरक्षित क्षेत्रों के निकट स्थित टोंगिया व अन्य ग्रामों में सोलर लाइट, टॉयलेट्स जैसी आवश्यक सुविधाएं नियमानुसार उपलब्ध करवाने के काम को प्राथमिकता से लिया जाए। बैठक में गैंडे के रि-इंट्रोडक्शन के संबंध में प्रजेंटेशन में बताया गया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की भौगोलिक व पर्यावरणीय परिस्थितियां गैंडे के अनुकूल है। गैंडे द्वारा ह्यूमन के साथ कॉन्ििफ्लिक्ट की जीरो संभावना होती हैं और यह अन्य जीवों के लिए भी सहायक होता है। इससे स्टेट में टूरिज्म एक्टिविटीज भी काफी बढें़गी। इस पर बोर्ड ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में प्रैक्टिकल के तौर पर गैंडे के रि-इन्ट्रोडक्शन पर मंजूरी दी।

मछलियों को पकड़ने के गलत तरीके रुकेंगे

मछलियों को पकड़ने के गलत तरीकों को रोकने के लिए युवक मंगल दलों, महिला मंगल दलों, वन पंचायतों का सहयोग लिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं स्टेट में संरक्षित क्षेत्रों के निकट स्थित टोंगिया व अन्य ग्रामों में सोलर लाइट, टॉयलेट्स जैसी जरूरी सुविधाएं नियमानुसार उपलब्ध करवाने के प्राथमिकता से काम किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा कहा गया है कि संरक्षित क्षेत्रों से दूसरे स्थानों पर बसाए जाने पर वन्य ग्रामों के लोगों को भूमि संबंधी वही अधिकार मिलने चाहिए, जो कि उन्हें अपनी पहले की भूमि पर प्राप्त थे। इसके लिए भी केंद्र को प्रपोजल भेजा जाएगा।

फॉरेस्ट लैंड ट्रांसफर पर स्वीकृति दी गई

राज्य वन्य जीव बोर्ड द्वारा संरक्षित क्षेत्रों के तहत व संरक्षित क्षेत्रों के 10 किमी रेडियस में आने वाली फॉरेस्ट लैंड ट्रांसफर व अन्य प्रकरणों पर स्वीकृति प्रदान की गई। इनमें लखवाड़ मल्टीपर्पज प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए अधिग्रहीत भूमि की राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड से अनुमति प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव भेजने, रुद्रप्रयाग के उखीमठ नगर पंचायत में पेयजल योजना के लिए पाइप लाइन बिछाने की अनुमति के साथ ही अल्मोड़ा डिस्ट्रिक्ट में एनटीडी-कफड़खान मार्ग के 2 किमी से ग्राम भूल्यूड़ा सब्जी उत्पादन क्षेत्र के लिए मार्ग का निर्माण, रामनगर-लालढांग मार्ग के 9 किमी व 13 किमी में पुल का निर्माण, सोनप्रयाग से त्रिजुगीनारायण व कोठियालसैंण से ऊषाड़ा तक मार्ग के किनारे ओएफसी लाइन बिछाए जाने पर अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजना प्रमुख हैं। बैठक में वन मंत्री डा। हरक सिंह रावत, विधायक सुरेश राठौर, दीवान सिंह बिष्ट, प्रमुख सचिव आनंद बर्धन, चीफ फॉरेस्ट कंजर्वेटर जयराज, डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार सहित वन विभाग के अधिकारी व राज्य वन्य जीव परिषद के सदस्य मौजूद रहे।