-यूपी के कैबिनट मंत्री के निर्माण से चर्चा में आया केहरी गांव

-पहले चरण में 50 से अधिक अवैध निर्माण की बात सामने आई

-अब कैंट बोर्ड की बैठक में रखा जाना है मामला

>DEHRADUN: प्रेमनगर के पास केहरी गांव यूपी के कैबिनेट मंत्री साहब सिंह सैनी के द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण को लेकर चर्चाओं में आया तो वहां भ्0 से अधिक अवैध निर्माण होने की बात भी सामने आई। इस मामले में एमडीडीए कैंट बोर्ड को फाइलें सौंप चुका है, वहीं कैंट बोर्ड केहरी गांव पर अधिकार क्षेत्र के मामले को बोर्ड की बैठक में रखने वाला है। ऐसे में इन अवैध निर्माण को लेकर कैंट बोर्ड पर भी कई सवाल उठ रहे हैं।

अधिकार क्षेत्र पर चल रहा विवाद

पिछले माह केहरी गांव में यूपी के कैबिनेट मंत्री साहब सिंह सैनी द्वारा कराए जा रहे निर्माण पर एमडीडीए ने रोक लगा दी, लेकिन शीघ्र ही यह क्षेत्र कैंट बोर्ड का होना बताकर उन्हें फाइल सौंप दी। इसके बाद कैंट बोर्ड भी सीधे तौर पर इसे अपने अधिकार क्षेत्र में मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में यह विवादित क्षेत्र बनकर रहा गया है। वहीं कैंट बोर्ड अधिकार क्षेत्र का मामला बोर्ड बैठक में रखने की बात कर रहा है।

प्रतिबंधित है एक बड़ा हिस्सा

केहरी गांव पर कैंट बोर्ड अपने अधिकार क्षेत्र को लेकर तमाम प्रक्रियाएं अपना रहा है, लेकिन प्रमाणों को देखें तो यह क्षेत्र कैंट बोर्ड के तहत ही आता है। जहां कई परिवार कैंट बोर्ड को गृहकर देते हैं, वहीं मतदाता सूची में यह वार्ड तीन में दिखाया गया है। कैंट बोर्ड केहरी गांव को अपने अधिकार क्षेत्र में आसानी से नहीं मान रहा, इसका एक कारण यह भी है कि केहरी गांव यहां का बड़ा हिस्सा बोर्ड के प्रतिबंधित सजरा मानचित्र/प्लान में दर्शाया गया है। यहां पर निर्माण प्रतिबंधित है, लेकिन यहां पर आवासीय और कॉमर्शियल भ्0 से अधिक निर्माण हो चुके हैं। कई निर्माण अभी भी चल रहे हैं, इनमें यूपी के कैबिनेट मंत्री का निर्माण भी शामिल हैं।

अधिकारियों पर उठे सवाल

यदि यह क्षेत्र निर्माण के लिए प्रतिबंधित है तो कैंट बोर्ड के अधिकारियों पर सवाल भी उठ रहे हैं, क्योंकि यहां पर पहले ही काफी निर्माण हो चुके हैं। इसलिए केहरी गांव के अधिकार क्षेत्र से बचा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर कैंट बोर्ड अधिकार क्षेत्र का मामला बोर्ड बैठक में लाने की बात कह रहा है।

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नगर निगम ने हटवाया अतिक्रमण

नगर निगम ने बुधवार को हरिद्वार बाईपास रोड के पास नाले पर किए जा रहे छह अतिक्रमण ध्वस्त किए। आईएसबीटी से आगे की ओर नगर निगम की सीमा तक सड़क किनारे किए गए अतिक्रमण को भी हटाया गया। अतिक्रमण करने वालों से नगर निगम ने ब्0 हजार का जुर्माना वसूला।