- दून में दो दर्जन से ज्यादा ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल्स संचालित
- आरटीओ में केवल 8 का ही है रजिस्ट्रेशन
- रूल्स तोड़ने वालों की मनमानी पर विभाग नहीं लेता एक्शन
देहरादून,
राजधानी में धड़ल्ले से इलीगल मोटर ड्राइविंग स्कूल संचालित हो रहे हैं। कई स्कूलों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं है तो कई रूल्स को फॉलो नहीं करते। ये पब्लिक से तो मोटी फीस वसूल रहे हैं, लेकिन ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को रेवेन्यू का नुकसान पहुंचा रहे हैं। दून में दो दर्जन से ज्यादा मोटर ड्राइविंग स्कूल्स हैं, लेकिन जब हमने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में पड़ताल की तो केवल 8 ड्राइविंग स्कूल्स ही रजिस्टर्ड मिले। जाहिर है बाकी अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट भी इनके खिलाफ एक्शन नहीं लेता।
पड़ताल में सच आया सामने
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने जब शहर में ड्राइविंग स्कूल्स की पड़ताल शुरू की तो चौंकाने वाले मामले सामने आए। टीम ने दून के एक दर्जन से ज्यादा ड्राइविंग स्कूल्स का जायजा लिया तो पता चला अधिकांश के पास रजिस्ट्रेशन नंबर ही नहीं है, न ही उनके पास आईटीआई डिप्लोमा होल्डर ड्राइवर। ऐसे में वे किस तरह लोगों को ड्राइविंग सिखा रहे होंगे ये अंदाज लगाया जा सकता है। बिना रजिस्ट्रेशन के ही नहीं वे रूल्स को भी फॉलो नहीं करते। रूल्स के मुताबिक ड्राइविंग सिखाने के लिए यूज किया जाने वाला व्हीकल यलो कलर का होना चाहिए या फिर उसपर यलो पट्टी होनी चाहिए। लेकिन, कई लोग पर्सनल व्हीकल से ही ड्राइविंग सिखा रहे हैं।
आज तक किसी के खिलाफ नहीं एक्शन
मोटर ड्राइविंग स्कूल तो नियम कानूनों को ताक पर रख मनमानी कर ही रहे हैं, लेकिन ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने भी इनकी ओर आंखें मूंद रखी हैं। आरटीओ ऑफिस में जब हमने जानकारी ली तो पता चला आज तक किसी भी ड्राइविंग स्कूल के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है। आरटीओ में केवल 8 ड्राइविंग स्कूल्स ही रजिस्टर्ड है। बाकी अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं।
यह है रजिस्टर्ड ड्राइविंग स्कूल्स
- आईडीटीआर झाझरा (सरकारी)
- सागर मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल, अधोईवाला।
- पंकज मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल, बालावाला।
- पैन्यूली मोटर ड्राइविंग स्कूल, पीली कोठी।
- ऑटो व्हील प्रा। लि। मोटर ड्राइविंग स्कूल, मोहब्बेवाला
- रोहन मोटर्स लि। मोटर ड्राइविंग स्कूल, चकराता रोड।
- सूर्या मोटर ड्राइविंग स्कूल, विजय पार्क चकराता।
- सच्चा मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल, फालतू लाइन।
ड्राइविंग स्कूल्स के लिए ये रूल्स
- लांइसेंस होना कंपल्सरी।
- ड्राइविंग सिखाने वाले का आईटीआई डिप्लोमा होना जरूरी।
- ड्राइविंग स्कूल के लिए ऑफिस का रजिस्ट्रेशन जरूरी।
- व्हीकल का कलर यलो या यलो पट्टी का प्रिंट होना जरूरी।
- ट्रैफिक सिग्नल और रूल्स की जानकारी देना जरूरी।
ऐसे की गई टेलीफोनिक पड़ताल
केस वन- बंजारावाला
रिपोर्टर- ड्राइविंग सीखनी है, आपका रजिस्ट्रेशन है?
संचालक- आपको सिखा देंगे, रजिस्ट्रेशन का क्या करना।
रिपोर्टर- आपका इंस्ट्रक्टर आईटीआई डिप्लोमा होल्डर है?
संचालक- आपको इससे क्या मतलब, मैं सिखाऊंगी आपको।
रिपोर्टर- लेकिन, रजिस्ट्रेशन तो होना चाहिए आपका?
(कस्टमर अटैंड करने की बात कह फोन कट कर दिया.)
केस टू- धर्मपुर
रिपोर्टर - हेलो, ड्राइविंग सीखनी है।
संचालक-हां सिखा देंगे।
रिपोर्टर - आपका ऑफिस कहां है।
संचालक- आपको कहां सीखना है।
रिपोर्टर - हम ऑफिस में आकर ही मिलना चाहते हैं।
संचालक- आप कहां से बोल रहे हो, मैं आपको दोबारा फोन करता हूं।
(फोन काट दिया और दोबारा नहीं किया। )
इन इलाकों में ड्राइविंग स्कूल्स की भरमार
गढ़ी कैंट, मेहूंवाला, धर्मपुर, माजरा, बंजारावाला, बंगाली कोठी, चकराता रोड, रायपुर रोड, कैनाल रोड, कारगी रोड।
कुछ स्कूल्स को फिलहाल राहत दी गई है, कोरोना संक्रमण के चलते चेकिंग पर रोक थी। लेकिन अवैध ड्राइविंग स्कूल्स के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। केवल रजिस्टर्ड ड्राइविंग स्कूल्स ही संचालित होंगे।
- संदीप सैनी, आरटीओ एनफोर्समेंट