देहरादून (ब्यूरो) ।
31 अक्टूबर 2016 जब तत्काली सीएम हरीश रावत ने इंदिरा मार्केट रि-डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। लोगों को उम्मीद थी कि जल्द ही शहर के बीचोंबीच एक कॉम्प्लेक्स नजर आएगा और इंदिरा मार्केट एक नए स्वरूप में दिखेगी। वक्त गुजरता गया, लेकिन प्रोजेक्ट पर कोई काम नहीं हो पाया। यही वजह है कि इंदिरा मार्केट अब तक पुराने स्वरूप में दिख रही है। आधारशिला रखे जाने के दौरान एमडीडीए ने दावा किया था कि ये कॉम्प्लेक्स सिटी का मॉडर्न स्वरूप लेगा। लेकिन हालत जस की तस है।

ये होनी थी व्यवस्था
- 4.1 एकड़ जमीन पर डेवलप होना था बाजार।
- 425 दुकानें की जानी थीं तैयार।
- 1 हजार कार के लिए अंडरग्राउंड पार्किंग का प्लान।
- पूरा इंदिरा मार्केट होना था शिफ्ट।
- सन 2000 के सर्किल रेट पर बेची जानी थी शॉप।

एमडीडीए ने बनाया था यह प्लान
-इंदिरा मार्केट में सड़क के दोनों ओर से दुकानें हटाकर पांच ब्लॉक बनने हैं।
-ए, बी और सी ब्लॉक में तीन बेसमेंट और चार फ्लोर होंगे।
- डी ब्लॉक में तीन बेसमेंट और 10 मंजिला निर्माण, ई ब्लॉक में तीन बेसमेंट और 11 मंजिला निर्माण तय।
- ए, बी और सी ब्लॉक में तीनों बेसमेंट और ऊपर के दो फ्लोर पार्किंग के रूप में इस्तेमाल होगा।

डबल हो गई प्रोजेक्ट की लागत
लॉन्चिंग के दौरान प्रोजेक्ट की लागत 106 करोड़ रुपए आंकी गई। पीपीपी मोड पर प्रोजेक्ट संचालित करने की बात हुई। लेकिन, प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो पाया और अब इस प्रोजेक्ट की लागत दोगुनी हो गई है, अब इस प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने के लिए 208 करोड़ रुपए की जरूरत होगी।

एमडीडीए व व्यवसाईयों के अपने-अपने दावे
फिलहाल, इंदिरा मार्केट रि-डेवलेपमेंट प्लान के तहत कई बार प्रयास के वाबजूद काम शुरू नहीं हो पाया। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के ईई अजय माथुर कहते हैं कि प्राधिकरण की ओर से तैयार की गई 70 अस्थाई दुकानों में इंदिरा मार्केट के दुकानदार जाने को तैयार नहीं है। कई बार नोटिस भेजे गए, व्यवसाई तैयार नहीं हो रहे हैं। ऐसे में प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पा रहा है। एमडीडीए के वीसी बीके संत ने कहा है कि जल्द ही इस प्रोजेक्ट पर अगले दो दिनों में इस पर फीडबैक लिया जाएगा। इधर, प्रोजेक्ट में शामिल दुकानदारों का कहना है कि वे दुकानें शिफ्ट करने व खाली करने के लिए तैयार हैं। लेकिन, निर्माण कार्य तो शुरू किया जाए। दुकानदारों का कहना है इन पांच वर्षों में एमडीडीए व डेवलेपर्स ने कोई भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया।