- सर्राफा व्यापारियों ने किया प्रदेशव्यापी बंद का ऐलान

- सिटी में आवश्यक सेवाएं भी बंद करने की दी चेतावनी

व्यापारियों में दो फाड़, एसएसपी की अपील पर एक गुट ने चक्काजाम का फैसला लिया वापस

DEHRADUN: सोने-चांदी की खरीद पर एक्साइज ड्यूटी लगाने सहित केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में आज प्रदेश भर में चक्काजाम रहेगा। हालांकि आंदोलन कर रहे व्यापारी खुद ही दो फाड़ हो गए हैं। एक गुट ने प्रदेशभर में चक्काजाम का ऐलान किया तो दूसरे गुट ने एसएसपी की अपील मानते हुए चक्काजाम करने का फैसला वापस ले लिया। ऐसे में प्रदेशभर में चक्काजाम को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

करोड़ों का कारोबार प्रभावित

धामावाला स्थित धरनास्थल पर हुई बैठक में व्यापारियों ने कहा कि बाजार बंद के लिए कई राजनैतिक दलों, सामाजिक संगठनों ने अपना पूर्ण रूप से समर्थन दिया है। सर्राफा कारोबार बंद रहने से अब तक एक हजार करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हो गया। वहीं दुकानों में कार्य करने वाले कारीगर भी काम न होने से पैतृक स्थानों की ओर निकलने को मजबूर हैं। सर्राफ मंडल के अध्यक्ष प्रवीण जैन ने बताया कि विगत फ्क् दिनों से सर्राफा कारोबार बंद है। व्यापारियों की मांग को लेकर केंद्र सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। इसी को देखते हुए बंद करने का फैसला किया गया। इस दौरान ज्वेलर्स एसोसिएशन ऑफ उत्तरांचल के महासचिव गुरजीत सिंह, सर्राफा मंडल देहरादून के सचिव मनमीत सिंह, सुमित गोयल, अखिलेश गुप्ता, गौरव रस्तोगी, हिमांशु कुमार, राजू वर्मा, महेश चंद्र, महिंद्र पाल सिंह, रविंद्र वर्मा, अशोक जैन, प्रदीप वर्मा, कमल रस्तोगी आदि मौजूद रहे।

क्फ्0 से ऊपर एसोसिएशंस के समर्थन का दावा

ज्वेलर्स एसोसिएशन ऑफ उत्तरांचल के अध्यक्ष विपिन बेरी ने बताया कि ब् अप्रैल को उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश बंद रहेगा। व्यापारियों ने राजधानी में क्फ्0 से भी ऊपर व्यापारिक व अन्य संगठनों ने बंद को समर्थन देने का दावा किया है। बंद में पेट्रोल पंप एसोसिएशन, हलवाई एसोसिएशन, ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन, दूध एसोसिएशन, मोटर पा‌र्ट्स एसोसिएशन, सेनेटरी एसोसिएशन, बार एसोसिएशन और फर्नीचर एसोसिएशन आदि द्वारा बंद को समर्थन देने की बात कही गई है। सर्राफा मंडल के उपाध्यक्ष सुनील मैसोन ने बताया कि बंद को आम पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी, एनएसयूआई, सीटू, एसएफआई, भारत की नौजवान सभा, किसान सभा, जनवादी महिला समिति, अखिल भारतीय अधिवक्ता संघ आदि ने भी पूर्ण बंद को अपना समर्थन दिया है।