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- पहले दिन मंदिरों में लगा रहा भक्तों का तांता, फूल चढ़ाकर मांगी मन्नत

- ग्रामीण महिलाओं ने लोकनृत्य किया पेश, लोक संस्कृति के बिखेरे रंग

CHAKRATA/ SAHIYA: जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर का बिस्सू पर्व बुधवार से शुरू हो गया। पर्व के पहले दिन फुलियात पर घर के मुखिया जंगलों से बुरांस के फूल लाए और मंदिरों में अर्पित कर खुशहाली की मन्नतें मांगी। इसके बाद लोगों ने अपने घरों को फूलों से सजाया। पर्व के शुरुआती दिन पूरे जौनसार बावर के मंदिरों में बुधवार सुबह हजारों लोगों ने देवदर्शन किए। इस दौरान ग्रामीणों ने सामूहिक लोकनृत्य भी पेश किए गए।

चार दिनों तक चलेगा आयोजन

जौनसार बावर क्षेत्र के चार सौ से ज्यादा गांवों में चार दिवसीय बिस्सू पर्व की बुधवार से शुरुआत हुई। पौराणिक परंपरा के तहत बिस्सू पर्व का फुलियात का होता है, इस दिन हर घर का मुखिया जंगलों से फूल चुनकर अपने ईष्ट देव को चढ़ाता है और परिवार की सुख समृद्धि की कामना करता है। कालसी ब्लॉक के सिमोग व खमरौली के मंदिरों में शिलगुर बिजट चुड़ू देवता व डिमऊ गांव में परशुराम देवता के दर्शन को बुधवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की लाइन लगनी शुरू हो गयी थी। सिमोग मंदिर में करीब नौ हजार लोगों ने देवदर्शन किए। प्राचीन मंदिर सिमोग में सुबह छह बजे से ही लोगों का तांता लगना शुरू हो गया था, जो सायं चार बजे तक चलता रहा। जौनसार बावर के अलावा

पछवादून, टिहरी, उत्तरकाशी व हिमाचल प्रदेश के श्रद्धालुओं ने भी मंदिरों में देवदर्शन कर मन्नतें मांगी। प्रसिद्ध महासू मंदिर हनोल में भी दिन भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। देवदर्शन के बाद महिलाओं ने सामूहिक रूप से हारूल, झेंता, रासो व नाटियों की प्रस्तुति देकर लोक संस्कृति के रंग बिखेरे। फुलियात से शुरू होकर पर्व में क्ब् अप्रैल को नादरा बिस्सू, क्भ् को बिस्सू मेला व क्म् को गनियात के रूप में पर्व का समापन होगा।