- पहला जत्था लिपलेख से 8 जून को तो नाथूला से 11 जून को होगा रवाना

- उत्तराखंड में पंाच पड़ावों पर तैनात रहेगी एससीआरएफ

priyank.mohan@inext.co.in

DEHRADUN: कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर एसडीआरएफ ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। भारत और चीन बॉर्डर से होकर गुजरने वाले बेहद संवेदनशील स्थानों पर उत्तराखंड पुलिस की एसडीआरएफ यूनिट को हाइटेक इक्विपमेंट के साथ तैनात करने की तैयारी चल रही है। एसडीआरएफ कमांडेंट कृष्णकुमार ने बताया कि यात्रा रूट पर पांच इलाकों में एसडीआरएफ के जवान यात्रियों की सुरक्षा में तैनात रहेंगे, जिसमें एक बटालियन कुमाऊं में तैनात रहेगी और एक कंपनी यात्रियों के जत्थों पर निगरानी रखेगी।

यात्रा के हैं दो रूट्स

कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए अब दो रूट उपलब्ध हैं, जिनमें पहला रूट उत्तराखंड के पिथौरागढ़ होते हुए धारचूला से होकर कैलाश मानसरोवर के लिए जाता है। करीब यह रूट लिपुलेख दर्रे से होते हुए पांच पड़ावों से होकर गुजरता है। बताया जाता है कि इसकी पैदल दूरी ब्0 किलोमीटर से भी ज्यादा है। वहीं इस यात्रा का दूसरा रूट सिक्किम के नाथूला से होकर जाता है जिसकी दूरी करीब फ्भ् किलोमीटर है।

उपरकणों से लैस रहेगी एसडीआरएफ

एसडीआरएफ कमांडेंट कृष्णकुमार ने बताया कि यात्रा के दौरान जवानों के पास मेडिकल एड के अलावा ऑक्सीजन जनरेटर किट मौजूद रहेगी। जो की ऊंचाई वाले इलाकों में उन यात्रियों को फायदेमंद साबित होगी जिनको सांस लेने में दिक्कत होती है। इसके अलावा सैटेलाइट फोन के साथ ही एसडीआरएफ के पास पोर्टेबल स्ट्रेचर भी रहेंगे।

इनको ही मिल पाएगी अनुमति

विदेश मंत्रालय के मानकों के अनुसार अगर किसी यात्री का शारीरिक मापदंड यानी बीएमआई ख्7 से कम है तो उसके लिए यात्रा बेहतर रहेगी। इसके अलावा चार बार से अधिक कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर चुके लोगों को अनुमति नहीं मिलेगी, जबकि पहली बार जाने वाले यात्रियों को प्राथमिकता दी जाएगी। मानसरोवर जाने वाले यात्रियों का पहल मेडिकल चेकअप दिल्ली में होगा। उसके बाद उत्तराखंड के गुंजी में यात्रियों की दूसरी जांच होगी। नाथूला दर्रा के यात्रियों की जांच शेरथांग में की जाएगी।

यात्रा के लिए सभी तैयारियां पूरी कर दी गई हैं। उत्तराखंड में यात्रा रूट के पांच पड़ावों पर एसडीआरएफ तैनात रहेगी।

संजय गुंज्याल, आईजी गढ़वाल