रास्ते से लापता हुआ था शुभम
दरअसल, ग्राफिक एरा युनिवर्सिटी में बीबीए फस्र्ट इयर का स्टूडेंट शुभम सुभाषनगर एरिया स्थित पेईंग गेस्ट हाउस में रहता था। मूल रूप से पौड़ी निवासी शुभम 21 नवंबर की रात को अपने मामा विनोद मेंदोला के साले की शादी में शिरकत करने मोथरावाला गया हुआ था। वापसी के दौरान विनोद ने भांजे शुभम को हरिद्वार बाईपास पर छोड़ा था, लेकिन अगली सुबह तक शुभम पेईंग गेस्ट हाउस नहीं पहुंचा तो दोस्तों ने शुभम के मामा को फोन कर इस बाबत जानकारी दी। शुभम के गायब हो जाने से सभी परेशान थे कि इसी बीच शुभम के दोस्त के मोबाइल पर उसी के नंबर से किडनेपर्स ने फोन कर पांच लाख रुपए की फिरौती मांग डाली, जिसके बाद शुभम के मामा विनोद मेंदोला ने थाने क्लेमनटाउन में किडनैप का मुकदमा दर्ज करवाया।

शुभम को चलती ट्रेन से फेंका
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एसएसपी केवल खुराना ने बताया कि फिरौती की रकम लेने के लिए आरोपी ने शुभम के परिजनों को संडे मॉर्निंग सुबह चार बजे आईएसबीटी बुलाया हुआ था। जहां पुलिस ने उसे दबोच लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपनी पहचान जितेन्द्र चौहान पुत्र गोपाल सिंह निवासी चकशोपालपुर थाना नूरपुर जिला बिजनौर की बताई। उसने बताया 21 नवंबर की रात को शुभम से उसकी मुलाकात हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर हुई थी। वह नजीबाबाद जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहा था। जहां से दोनों ही लोग नजीबाबाद के लिए दून एक्सप्रेस में सवार हो गए, लेकिन लक्सर में उतर गए। जहां उसने शुभम को नशीली चाय पिला दी। बेहोशी की हालत में वह शुभम के साथ दूसरी ट्रेन में सवार हो गया और चलती हुई ट्रेन में बेहोश शुभम के सारे कपड़े उतार कर उसे नीचे फेंक दिया। उसका मोबाइल व पर्स रख लिया, जबकि कपड़े कुछ दूर आगे रेलवे ट्रेक पर फेंक दिए। तब से वह फिरौती की रकम के लिए शुभम के परिजनों को एक अन्य नंबर से कॉल कर रहा था।

फोटोग्राफ्स के आधार पर हुई पहचान
एसएसपी ने कहा कि शुभम का शव 22 नवंबर को थाना फतेहगंज पश्चिम जिला बरेली में रेलवे ट्रैक पर नग्न अवस्था में बरामद किया गया। शिनाख्त न होने पर पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। मामले की जांच में जुटी दून पुलिस को इस बात की जानकारी हुई तो पुलिस ने मृतक के फोटोग्र्राफ्स दून मंगाए। जिसमें शुभम के परिजनों ने मृतक की शिनाख्त शुभम के रूप में की। पुलिस के लिए यह गुत्थी सुलझा पाना आसान नहीं था, लेकिन फोन सर्विलांस के जरिए यह गुत्थी सुलझ सकी।

तीन नंबर से किए थे कॉल
दरअसल, हत्या की इस गुत्थी को सुलझाने में जितेन्द्र की कुछ गलतियां पुलिस के लिए सहायक बनी। क्योंकि जितेन्द्र ने फिरौती की रकम के लिए शुभम के परिजनों को कई बार फोन किए थे। जिसमें उसने एक बार नजीबाबाद से अंकुल नाम के युवक का फोन इस्तेमाल किया। पुलिस अंकुल के मोबाइल की लोकेशन के आधार पर उससे रायपुर जिला बिजनौर में संपर्क कर आरोपी का स्केच तैयार करवाया था। इसके अलावा आरोपी ने शुभम के साथ हिमाचल के एक अन्य नंबर से भी फोन किया। दोनों ही फोन उसके द्वारा चुराए गए थे। पुलिस ने आरोपी से शुभम के कपड़े, फोन व टूटा सिम बरामद कर कर लिया है।

कई लोगों को बना चुका है शिकार
जितेन्द्र चौहान नजीबाबाद में क्लीनिक चलाता है। एसएसपी ने बताया कि आरोपी जितेन्द्र जहर खुरानी गिरोह का सक्रिय सदस्य है। वह नजीबाबाद में झोलाछाप डॉक्टर के तौर पर भी क्लीनिक चलाता है, लेकिन उसका असल काम जहरखुरानी का है। उसने आधा दर्जन से अधिक बार चलती ट्रेन में कई लोगों को अपना शिकार बनाने की बात कबूल की है।

21 नवंबर की रात को ही मार दिया था
जितेन्द्र ने 21 नवंबर की रात को ही शुभम को मार दिया था, बावजूद वह फिरौती की रकम के देने के लिए परिजनों को मुरादाबाद, धामपुर, नगीना, नजीबाबाद सहित अन्य स्थानों पर बुलाता रहा। जिस कारण पुलिस भी आरोपी को दबोचने के लिए उसके बताए गए स्थानों पर जाती रही, लेकिन हर बार पुलिस को निराशा ही हाथ लगी।

पैसे के लिए किया यह सब
मृतक शुभम 21 नवंबर की रात को आईएसबीटी से बाई बस हरिद्वार पहुंचा। इसके बाद वह अपनी गर्ल फ्रेंड से मिलने कोटद्वार जा रहा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात जितेन्द्र से हुई। अच्छा पहनावा होने के साथ जितेन्द्र को इस बात का विश्वास था कि शुभम के पास काफी पैसा होगा जिस कारण उसने उसे अपना शिकार बना लिया। आरोपी ने शुभम के पर्स में मौजूद 16 सौ रुपये के साथ मोबाइल अपने कब्जे में लिया, जबकि शुभम और उसके कपड़े चलती ट्रेन में फेंक दिए। पुलिस ने शुभम के शव को जहां से बरामद किया उससे करीब 10 किमी आगे उसके कपड़े बरामद किए गए।