देहरादून (ब्यूरो) सरकार की ओर से दून में पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए डीजल वाहनों को सीएनजी में परिवर्तित किया जा रहा है। ऐसे में फ्यूल की व्यवस्था न होने के कारण पब्लिक की दिक्कत और बढ़ सकती है। गेल की ओर से सीएनजी उपलब्ध कराने के लिए पंप तैयार कर दिए गए हैैं, लेकिन हरिद्वार से ही सीएनजी पाइपलाइन न बिछने के कारण दिक्कत झेलनी पड़ रही है।

ऐसे हुई शुरुआत
3 साल पहले दून में गेल की ओर से सीएनजी का इंफ्रास्टक्चर तैयार किया गया। शुरुआत में 5 पेट्रोल पंप में ऑफलाइन सीएनजी की शुरुआत की गई थी। इसके बाद इसकी अवेलेबिलिटी 5 सीएनजी स्टेशन के हिसाब से रही। लेकिन, अब सिटी में कुल 8 सीएनजी स्टेशन हो चुके हैं। व गाडिय़ों की संख्या भी लगातार बढ़ गई है। जिससे डिमांड और भी बढ़ गई है। इसके अलावा बाहरी राज्यों से आने वाले वाहन भी सीएनजी के ही आते हैं, जिससे सीएनजी की पूरी सप्लाई में दिक्कत आ रही है।

फिलहाल यहां है सीएनजी स्टेशन
मालसी फिलिंग स्टेशन
शक्तिमान फिलिंग
सार्थक फिलिंग स्टेशन
सेठी टॉप फिलिंग स्टेशन
देबु फिलिंग स्टेशन
एयरविंग फिलिंग स्टेशन
श्रीकृष्णा फिलिंग स्टेशन
शहीद सुर्जन सिंह फिलिंग स्टेशन

हरिद्वार से ऑफलाइन सीएनजी
पेट्रोल पंप संचालकों के अनुसार पब्लिक के लिए सीएनजी की सुविधा सुचारू हो सके, इसके लिए सिटी के कई पेट्रोल पंप में सीएनजी की पाइप लाइन भी बिछा दी गई है। चार पेट्रोल पंप में सीएनजी की ऑनलाइन सेवा के लिए पाइपलाइन भी बिछा दी गई है। लेकिन, हरिद्वार से पाइपलाइन की शुरुआत न होने के कारण संचालन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में हरिद्वार के बहादराबाद से सीएनजी की ऑफलाइन सप्लाई लगातार की जा रही है।


ऑफ सीजन में भी दिक्कत
इन दिनों जब पर्यटन सीजन नहीं है। तब भी दून के पेट्रोल पंप में सीएनजी की दिक्कत झेलनी पड़ रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम नेे जब सिटी के तमाम सीएनजी स्टेशन का निरीक्षण किया तो रेस कोर्स स्थित शक्तिमान फिलिंग स्टेशन में सीएनजी दोपहर में ही खत्म हो गई थी। वर्तमान में कुल 8 सीएनजी स्टेशन हैं। लेकिन, सबसे ज्यादा कंजप्शन केवल 3 से 4 पंप में ही होता है। इसमें टूरिस्ट सीजन ही नहीं आम दिनों में भी सीएनजी की आपूर्ति करा पाना मुश्किल होता है।

12 से 13 हजार केजी सीएनजी की सप्लाई
गेल के सीनियर इंजीनियर सौरभ शुक्ला के अनुसार फिलहाल सीएनजी ट्रक के माध्यम से ऑफलाइन सीएनजी की डिमांड की जा रही है। हरिद्वार से जो सीएनजी की सप्लाई हो रही है। उसे ट्रांसपोर्र्ट करने में ज्यादा समय लग रहा है। इन दिनों रोजाना 12 हजार से लेकर 13 हजार किग्रा सीएजी की खपत होती है।